ENTERTAINMENTHimachalNational

वंडरलैंड कॉलिंग: हिमाचली धाम परोसने के लिए रेस्त्रां में भोटी धाम की होगी शुरुआत

हाइलाइट्स
  • धर्मशाला लिटरेचर फेस्ट में पर्यटन को बढ़ाने पर मंथन 
  • सरकारी शिक्षण संस्थानों को ऐसे आयोजनों से जोड़ने के निर्देश
  • धर्मशाला से लेकर बीड़ तक निकाली गई मोटर बाईक रैली

टीएनसी संवाददाता


धर्मशाला। साहित्य, कला और लेखन से सजे धर्मशाला लिटफेस्‍ट के पहले दिन उद्घाटन सत्र में ‘वंडरलैंड कॉलिंग’ सत्र में हिमाचल में पर्यटन को अधिक बढ़ावा देने पर मंथन हुआ। चर्चा में पर्यटन और होटल उद्योग से जुड़ी गतिविधियां और पर्यावरण अनुरूप उनके संचालन को लेकर पैनलिस्ट ने अपने विचार रखे। पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष आरएस बाली ने  कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के निगम द्वारा चलाए जा रहे होटलों की स्थिति का मजबूत किया जाए। पर्यटन विभाग द्वारा संचालित होटलों में हिमाचली धाम परोसने के लिए रेस्त्रां में भोटी धाम की शुरुआत की जाएगी। इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किए बिना पर्यटन को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता। नगरोटा बगवां विधानसभा क्षेत्र के विधायक रघुबीर सिंह बाली ने यह शब्द कहे। इस अवसर पर पूर्व मंत्री विप्लव ठाकुर भी विशेष रूप से उपस्थित रहीं। बाली ने जिला प्रशासन को क्षेत्र के सरकारी शिक्षण संस्थानों को लिटरेचर फेस्टिवल के साथ जोड़ने के निर्देश दिए। कहा कि सरकार जिला कांगड़ा को पर्यटन राजधानी बनाने के संकल्प को पूरा करने हेतु गंभीर प्रयास अमल में लाए जा रहे हैं।

कांगड़ा पेंटिंग में आजमाए हाथ
लिटरेचर फेस्टिवल में जिला प्रशासन द्वारा लाईव कांगड़ा पेंटिंग का आयोजन भी किया गया। इस दौरान आर.एस बाली और पूर्व मंत्री विप्लव ठाकुर सहित अन्य अतिथियों ने कांगड़ा पेंटिंग में आने हाथ आजमाए।
मोटर बाईक रैली को किया रवाना
इससे पूर्व वेटेरन आर्मी जवानों द्वारा धर्मशाला से बीड़ तक निकाली गई मोटर बाईक रैली को मुख्यातिथि ने रवाना किया। लोगों को साहित्य, कला, देश भक्ति और पर्यावरण के प्रति जागरुक करने की दृष्टि से इस बाईक रैली का आयोजन किया गया।

जिला कांगड़ा न केवल प्राकृतिक रूप से बल्कि कला और साहित्यिक रूप से भी परिपूर्ण है। उलाधार के आंचल में लम्बे समय से पल रही कला और साहित्य की एक सुंदर परम्परा को पटल में लाने की दृष्टि से यह लिटरेचर फेस्टिवल शुरु किया गया। उन्होंने कहा कि कला और साहित्यिक वातावारण को बढ़ाने के प्रयासों को सबका सहयोग कमल रहा है, जिसके कारण धर्मशाला लिटरेचर फेस्टिवल के दूसरे संस्करण की आज शुरुआत हो रही है। इस लिटरेचर फेस्टिवल से जहा स्थनीय कला और साहित्य शैली को एक नई पहचान मिली, वहीं साहित्य और कला के विभिन्न रंगों से धर्मशाला की खूबसूरती और अधिक बढ़ गई है।
निपुण जिंदल, डीसी कांगड़ा

Akhilesh Mahajan

“Work your craft; until it becomes an art form.”

Leave a Reply