हाइलाइट्स
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सूबे के सबसे बड़े कर और कर्ज घोटाला में ईडी की बड़ी कार्रवाई
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करीब 18 प्रॉपर्टीज शामिल, 2200 करोड़ रुपए का वेट चोरी का आरोप
टीएनसी, संवाददाता
नाहन। हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े कर एवं कर्ज घोटाले में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय ) ने पांवटा साहिब की इंडियन टेक्नोमैक कंपनी पर बड़ी कार्रवाई की है। कंपनी के प्रबंध निदेशक राकेश शर्मा की उड़ीसा में 21.15 करोड़ की प्रॉपर्टी अटैच की है। यह करीब 18 प्रॉपर्टीज हैं। जिसमें उड़ीसा में भूमि और फ्लैट, कटक में प्लॉट, उड़ीसा में आवासीय फ्लैट और मैसेंजर अनमोल माइंस प्राइवेट लिमिटेड भुवनेश्वर उड़ीसा की संपत्ति आदि शामिल हैं।
आरोप है कि इंडियन टेक्नोमैक कंपनी के निदेशकों द्वारा विभिन्न अधिकारियों तथा कर्मचारियों के साथ मिलकर अपने चार्टर्ड अकाउंटेंट के द्वारा फर्जी कंपनियां बनाकर फर्जी तरीके से बैंकों से करोड़ों रुपए का लोन हड़प लिया था। कंपनी ने आबकारी एवं कराधान विभाग का 2200 करोड़ रुपए का वेट चोरी किया था। इसके बाद हिमाचल प्रदेश सीआईडी ने मामला दर्ज कर शुरू की थी। जांच में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला सामने आने पर प्रवर्तन निदेशालय ( ईडी) ने मामले में अलग से एफआईआर कर मामले में छानबीन शुरू की।
यह है मामला
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इंडियन टेक्नोमैक कंपनी द्वारा 2008 से 2013 तक विभिन्न बैंकों से करीब 1600 करोड़ का लोन फर्जी तरीके से लिया था।
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इंडियन टेक्नोमैक कंपनी के प्रबंध निदेशक राकेश शर्मा और उसके अन्य पदाधिकारी द्वारा फर्जी कंपनियां बनाकर फर्जी तरीके से कंपनियों की प्रोडक्शन दिखाई तथा बैंकों से भारी भरकम लोन लेकर उस धन राशि को मनी लांड्री के तहत दूसरे राज्यों तथा दूसरी कंपनियों में इन्वेस्ट किया।
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वर्ष 2014 में हिमाचल प्रदेश आबकारी एवं कराधान विभाग की इकोनामिक इंटेलिजेंस यूनिट ने 6000 करोड़ के कर एवम कर्ज घोटाले में पांवटा साहिब के जगतपुर स्थित इंडियन टेक्नोमैक कंपनी को सीज कर लिया था।
अब तक 310.06 करोड़ की राशि की प्रॉपर्टी अटैच
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प्रवर्तन निदेशालय शिमला के प्रवक्ता के अनुसार इस मामले में पीएमएलए 2002 के तहत वर्ष 2019 में 288.91 करोड़ की संपत्ति पहले ही कुर्क की जा चुकी है।
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हाल ही में अटैच की गई 21.15 करोड़ की राशि को मिलाकर अब तक 310.06 करोड़ की राशि की प्रॉपर्टी को अटैच कर लिया गया है।
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हिमाचल सीआईडी द्वारा अब तक इंडियन टेक्नोमैक कंपनी के निर्देशक सहित करीब एक दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
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हिमाचल प्रदेश राज्य कर एवं आबकारी विभाग द्वारा 2014 में सीज की गई इंडियन टेक्नोमैक कंपनी परिसर को हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद काफी सामान की नीलामी की जा चुकी है।