सीमेंट मामले में जागी सरकार: सुक्खू बोले, अब जल्द लेंगे कोई निर्णय
सीएम बोले
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हिमाचल में आने का दिया न्योता, पीएम मोदी चप्पे चप्पे से हैं वाक्फि
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75000 करोड़ का कर्जा, आर्थिक स्थिति ठीक नहीं, चार साल का समय चाहिए
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मानवीय और सामाजिक सुरक्षा के दृष्टिकोण से पुरानी पेंशन स्कीम लागू की
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कर्मचारी चयन आयोग में पेपर के सौदेबाजी में विजिलेंस रिपोर्ट चौंकाने वाली
टीएनसी, संवाददाता
हमीरपुर। हिमाचल में बंद चल रहे सीमेंट कारखानों को लेकर सुक्खू सरकार जागी है। हमीरपुर में मीडिया से रूबरू होते हुए सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा है कि सीमेंट कारखाने के मालिक और ट्रक ऑपरेटरों के बीच अगर आपसी सहमति बनती है तो ठीक है अन्यथा इसमें सरकार जल्द कोई निर्णय लेगी। ट्रक ऑपरेटरों हिमाचल के हैं और उनकी अजीविका चलती रहनी चाहिए। उनके परिवार का ख्याल रखना सरकार की जिम्मेदारी है, इसलिए उन्हें शोषण से बचाएंगे। यह वही सीमेंट कंपनियां हैं जो पूर्व में प्रति किलोमीटर 11.41 रुपए की दर से किराया देती थीं। लेकिन अब यह कंपनियां किराया कम करने की बात कर रहीं हैं। उद्योग मंत्री ने इस मामले में बातचीत आगे बढ़ाई थी, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। अब हम जल्द कोई निर्णय लेंगे।
पीएम मोदी को दिया हिमाचल आने का न्योता
दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सार्थक चर्चा हुई। वह हिमाचल के चप्पे-चप्पे से परिचित हैं और हिमाचल को अच्छी तरह से जानते हैं। उन्हें हिमाचल आने का निमंत्रण दिया। पहली और शिष्टाचार मुलाकात हुई। पिछली बार कोरोना पॉजिटिव होने के चलते मुलाकात नहीं हो पाई थी।
आर्थिक स्थिति ठीक नहीं चार साल का समय चाहिए
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी सत्ता संभाले हुए महज 42 दिन हुए हैं। प्रदेश की आर्थिक स्थिति काफी खराब है। पूर्व की भाजपा सरकार प्रदेश में 75000 करोड़ का कर्जा छोड़ गई थी। जो कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं और पेंशनभोगी हैं उनका 5500 करोड़ तो छठे वेतन आयोग के लागू होने के बाद कर्मचारियों का एरियर देय है। 4500 करोड़ रुपये वर्तमान में कार्यरत कर्मचारियों का बकाया है। डीए की किस्त के तौर पर 992 करोड़ का एरियर बनता है। ऐसी सरकार और शासन उन्होंने जीवन में कभी नहीं देखा। सुक्खू ने कहा उन्होंने हिमाचल की जनता से आग्रह किया है कि हमें समय दीजिए। अर्थव्यवस्था को अगर पटरी पर लाना है तो करीब चार साल लगेंगे। कर्मचारियों के सहारे प्रदेश में 600 से ज्यादा संस्थान खोल दिए। अगर कार्यालय डिनोटिफाई न किए होते तो पांच हजार करोड़ रुपये का और कर्जा होता।
मानवीय और सामाजिक सुरक्षा के दृष्टिकोण से पुरानी पेंशन स्कीम लागू की
सीएम ने ने कहा कि यह वही अधिकारी हैं जो पूर्व में पुरानी पेंशन स्कीम के लिए इंकार कर रहे थे। लेकिन वर्तमान सरकार ने उनके साथ चर्चा कर पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने का निर्णय लिया। प्रदेश में एनपीएस के एक लाख 36 हजार कर्मचारी हैं, जिन्हें पुरानी पेंशन मिलेगी। कर्मचारियों का बुढ़ापा आराम से कट सके और किसी चीज की चिंता न हो, मानवीय और सामाजिक सुरक्षा के दृष्टिकोण से पुरानी पेंशन स्कीम लागू की गई है।
विजिलेंस की रिपोर्ट चौंकाने वाली
हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के कामकाज को निलंबित करने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी जांच चल रही है। विजिलेंस की रिपोर्ट चौंकाने वाली हैं। जांच के बाद ही हम कुछ कह सकते हैं। मंत्रिमंडल विस्तार पर सुक्खू ने कहा कि यह एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है।