Proud Moment: मंडी कालेज की प्रो डा. तारासेन समेत हिंदी शिक्षिका मंजुला और संजीत को राष्ट्रीय शिक्षक अवार्ड

 हाइलाइट्स

  • युवा जागृति एवं जन कल्याण मिशन भिवानी ने दिया सम्‍मान
  • भारत से कई राज्यों के 121 बेहतर अध्यापक नवाजे 

मुरारी शर्मा


मंडी। मंडी  कालेज की प्रोफेसर डा. तारा सेन, कनैड स्‍कूल की हिंदी शिक्षिका मंजुल वर्मा और सेंट्रल यूनिवर्सिटी देहरा से प्रोफेसर संजीत सिंह को राष्ट्रीय शिक्षक अवार्ड से नवाजा गया। उन्हें यह सम्‍ मान  युवा जागृति  एवं जन कल्याण मिशन महात्मा ज्योतिबा फुले धर्मार्थ ट्रस्ट हरियाणा के भिवानी की ओर से प्रदान किया गया।  इस अवसर पर पूरे भारत से कई राज्यों के 121 अध्यापकों को स म्‍मानित किया गया। जबकि हिमाचल से तीन शिक्षकों को यह सम्‍मान मिला है। यह सम्‍मान पर्यावरण,  स्वास्थ्य , नशा मुक्त भारत, स्वच्छता अभियान आदि के क्षेत्र में कार्यकरने वाले शिक्षकों को प्रदान किया गया।  डॉ. तारा  सेन वलभ महाविद्यालय  मंडी  में सहायक प्रोफेसर  के पद  कार्यरत  हैं और अध्यापन के साथ-साथ  पर्यावरण सरंक्षण, पोषण अभियान एवं  आजीविका संवर्धन आदि गतिविधियों से जुड़ी हुई हैं। वहीं मंडी की एक और अध्यापिका मंजुला वर्मा को भी यह सम्‍मान मिला है। मंजूला वर्मा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कनैड में हिंदी कला स्नातक के पद पर कार्यरत हैं । उन्हें पूरे नवाचारी शिक्षक के रूप में जाना जाता है और हमेशा स्कूल की बेटियां जो गरीब घर से हैं उनकी हमेशा सहायता करती हैं।  उन्होंने इस अवार्ड के लिए अपने स्कूल के प्रधानाचार्य, अपनी माता ललिता देवी, पति सतीश कुमार एवं अपनी बेटियां सोनल और साक्षी का धन्यवाद किया है कि उनके प्रोत्साहन के परिणाम स्वरुप ही मुझे यह अवार्ड मिला है। महात्मा ज्योतिबा फूले धर्मार्थ ट्रस्ट के अध्यक्ष रमेश सैनी,स मान समारोह के मु य अतिथि हरियाणा प्रदेश के शिक्षा मंत्री कमरपाल गुर्जर , भिवानी महेंद्रगढ़ से लोकसभा सांसद चौधरी धर्मवीर सिंह एवं पूर्व मंत्री एवं भिवानी विधानसभा से विधायक घनश्याम सर्राफ का आभार जताया।

 

 

इस तरह के अवार्ड बेहतर कार्य के लिए प्रेरित करते हैं और  वे आगे भी इस तरह के कार्यों में अपना योगदान जारी रखेंगी।  अपने  माता-पिता,  कॉलेज  की प्रधानाचार्य  परिवार के समस्त  सदस्यों , छात्रों  एवं  स्वयं -सहायता समूह के सदस्यों का धन्यवाद करती हूं। उनके सहयोग, मार्गदर्शन एवं प्रोत्साहन के परिणाम स्वरुप ही मुझे यह अवार्ड मिला है।

 

डॉ तारासेन

 

जब तक शिक्षा विभाग से जुड़े हैं तब तक इसी तरह से शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में भी कार्य करते रहेंगे ताकि एक अच्छे भविष्य का निर्माण कर सके।

 

मंजुल वर्मा

 

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