Politics: एक दिन का काम बोलने वाले सुक्खू एक साल बाद नौकरी से निकाल रहे: जयराम
हाइलाइट्स
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बोले 167 जेई को नौकरी से निकालना अन्याय है, अनुचित है
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धरना प्रदर्शन होते रहते हैं, बेहतर होता कोई समाधान निकलता
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हड़ताल कर रहे कर्मियों पर कांग्रेस की कार्रवाई को प्रदेश भाजपा भुनाने में जुटी
टीएनसी, संवाददाता
शिमला/मंडी। जिला परिषद कर्मियों की हड़ताल के दौरान सुक्खू सरकार की 167 जेई को नौकरी से बर्खास्त करने की कार्रवाई को प्रदेश भाजपा भुनाने में जुटी है। बालीचौकी में मेरी माटी मेरा देश कार्यक्रम के बाद नेता प्रतिपक्ष हड़ताल पर बैठक जिप कर्मियों से मिले और सुक्खू सरकार पर खूब निशाना साधा।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जब सुखविंदर सिंह सुक्खू विपक्ष में थे उस समय इन कर्मचारियों के बीच बैठकर कहते थे कि एक दिन का काम है। अब एक साल बाद उनकी सुनवाई नहीं कर रहे हैं। जब लोगों द्वारा धरना दिया गया तो उनकी बातें सुनने के बजाय उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दे रहे हैं। यह कहीं से भी न्याय संगत नहीं हैं। जयराम ठाकुर ने कहा कि ज़िला परिषद कर्मियों के मामले में कुछ तकनीकी समस्या है लेकिन ऐसा नहीं है कि उनका समाधान नहीं हो सकता है। कर्मचारियों की बातें सुनी ही नहीं गई इसलिए वे धरने पर बैठने को मजबूर हुए। 167 जेई को नौकरी से निकालना अन्याय है, अनुचित है। प्रदेश में हमेशा कर्मचारी अपनी माँगे रखते हैं। धरना प्रदर्शन करते रहते हैं। लेकिन इस तरह से नौकरी से निकालने की बजाय उनकी मांगो पर विचार किया जाता है, कोई रास्ता निकाला जाता।
हिमाचल का काला अध्याय, आश्वासन के बाद 167 जेई बर्खास्त: बिंदल
शिमला। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डा राजीव बिंदल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने हिमाचल प्रदेश पंचायती राज विभाग के कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर के एक बहुत बड़ा अन्याय पूर्ण कदम उठाया है। इस विषय को लेकर 2022 में चुनाव में घर घर जाकर, सड़कों पर अनेकों-अनेंको रैलियां की। वर्तमान में मुख्यमंत्री तथा उनके मंत्रीगणों ने इन कर्मचारियों को पंचायती राज विभाग में मर्ज करने की घोषणाएं की, ना केवल घोषणाएं की अपितु चुनावों के दौरान गारंटियां भी की कि पहली कैबिनेट के अंदर हम इन 4700 कर्मचारियों को विभाग में मर्ज कर देंगे। जब विभाग के कर्मचारी लगातार कांग्रेस की सरकार बनने के बाद इनसे संपर्क साधते रहे ,परन्तु सरकार ने जवाब तक नही दिया। आज मुख्यमंत्री की चुनावी विडियो भी इस विषय को लेकर काफी वायरल हो रही है। लंबे समय से लगातार 4700 कर्मचारी हड़ताल पर बेठें रहें और धरना प्रदर्शन करते रहें। सरकार के मुख्यमंत्री और मंत्रियों के बार -बार आश्वासन देने के बाद कुछ नहीं हुआ। स्थितियां यहाँ तक पहुंचे गई कि पंचायत के सेक्रेटरी के जगह पर चैकीदारों को चार्ज दे दिया गया। इससे ज्यादा दयनीय स्थित हिमाचल प्रदेश सरकार की नहीं हो सकती। बिदल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में एक काला अध्याय लिखा जा रहा है। 167 जूनियर इंजीनियर्स को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।