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आपदा पर तपा सदन: विपक्ष का वाकआउट, सुक्‍खू का सदन में 26 को आपदा प्रभावितों के लिए विशेष राहत पैकेज का ऐलान

हाइलाइट्स

  • नियम 67 के बजाय सीएम सुक्‍खू ने नियम102 में रखा  प्रस्ताव
  • सीएम के  वक्तव्य के बीच विपक्ष ने कर दिया वाकआउट
  • विपक्ष सदन पर लौटा तो सीएम ने सदन में प्रस्‍ताव किया पेश
  • कहा, केंद्र कुछ दे या न दे, 26 को राहत पैकेज की घोषणा 

टीएनसी, संवाददाता


शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा मानसून सत्र के पहले दिन आपदा पर खूब तपा। तीखी नोकझोंक के बाद प्रश्नकाल को निलंबित किया गया। निर्देशानुसार जब सीएम सुक्‍खू ने नियम 67 के बजाय नियम102 में प्रस्ताव रखते हुए कहा कि इस आपदा में 441 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। कुल्लू में लारजी प्रोजेक्ट को बहुत क्षति पहुंची है। प्रदेश के बिजली प्रोजेक्टों को 1000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री के वक्तव्य के बीच विपक्ष ने वाकआउट कर दिया। जब विपक्ष  सदन लौटा तो सीएम ने कहा कि अच्छा हुआ कि भाजपा विधायक प्रस्ताव पेश करने के समय आ गए। प्राकृतिक आपदा प्रभावितों के लिए प्रदेश सरकार विशेष राहत पैकेज लाएगी। 26 सितंबर को राहत पैकेज की घोषणा करेंगे। केंद्र सरकार कुछ दे चाहे नहीं। सदन में आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का सरकारी संकल्प प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री ने विपक्षी विधायकों से भी संकल्प का समर्थन करने का आग्रह किया।

 

पहला दिन: कब क्‍या हुआ


 

  • दिवंगत विधायक खूबराम को श्रद्धांजलि देते हुए सदन में शोकोद्गार प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया।प्रदेश में आपदा से सैकड़ों लोगों की मृत्यु होने पर शोकोद्गार व्यक्त किया गया। 2:20 बजे स्पीकर ने प्रश्नकाल की घोषणा की। 

 

  • विपक्ष ने सारा काम रोककर केवल आपदा पर चर्चा करने को कहा। राकेश जम्वाल, इंद्र सिंह, बलवीर सिंह वर्मा, विपिन सिंह परमार आदि भाजपा सदस्यों ने नियम 67 के तहत स्थगन प्रस्ताव दिया। 

 

  • स्पीकर पठानिया ने कहा कि इस विषय पर नियम 102 में भी चर्चा के लिए नोटिस आया है। ऐसे में नियम 67 के बजाय इस नियम में पहले से ही चर्चा के लिए नोटिस को मंजूर किया जा चुका है। सदन में विपक्ष और सत्ता पक्ष के विधायकों में हल्की नोकझोंक भी हुई। 

 

  • स्पीकर ने प्रश्नकाल को सस्पेंड किया और नियम 102 में चर्चा करने को कहा। मुख्यमंत्री ने नियम 67 के बजाय नियम 102 में प्रस्ताव रखा और प्रश्नकाल को निलंबित किया गया। इस पर विपक्ष ने सदन में नारेबाजी शुरू कर दी। सीएम ने कहा कि इस आपदा में 441 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। कुल्लू में लारजी प्रोजेक्ट को बहुत क्षति पहुंची है। प्रदेश के बिजली प्रोजेक्टों को 1000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री के वक्तव्य के बीच विपक्ष ने वाकआउट कर दिया।

 

  • विपक्ष के बाहर जाने के बाद सीएम सुक्खू ने कहा कि आपदा के वक्त भाजपा के लोग कह रहे थे कि मानसून सत्र बुलाया जाए। आज ये सत्र में गंभीर नहीं है। सरकार ने नियम 102 के तहत प्रस्ताव दिया। इन लोगों के प्रस्ताव को भी अटैच किया गया है। इन्हें चर्चा में भाग लेना चाहिए। मगर ये गंभीर नहीं हैं।

Akhilesh Mahajan

“Work your craft; until it becomes an art form.”

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