191 करोड़ का हेरफेर: एसजेवीएनएल के तीन रिटायर अफसरों और एक निजी कंपनी पर धोखाधड़ी का मुकदमा

 

हाइलाइट्स

  • सीबीआई ने शिमला में दर्ज किया मामला

  • दिल्ली, गाजियाबाद, गुड़गांव, समाना में दबिश

  • तलाशी में सीबीआई को मिले कई अहम दस्‍तावेज

टीएनसी, संवाददाता


शिमला। एसजेवीएनएल के तीन रिटायर अफसरों और एक निजी कंपनी पर सीबीआई ने शिमला में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है। आरोप है कि निजी कंपनी के साथ षड़यंत्र करके इन अधिकारियों ने एसजेवीएनएल को 191 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया है। सीबीआई ने एक शिकायत के आधार पर यह कार्रवाई की है। सीबीआई ने आरोपियों के दिल्ली, गाजियाबाद, गुड़गांव, समाना (जिला पटियाला, पंजाब) व चेन्नई स्थित परिसरों सहित लगभग सात स्थानों पर तलाशी भी ली । तलाशी में कुछ दस्तावेज भी बरामद हुए।

 

इनपर मुकदमा दर्ज


सीबीआई ने एसजेवीएनएल के सेवानिवृत्त कार्यकारी निदेशक आरके अग्रवाल, सेवानिवृत्त मुख्य महाप्रबंधक संजय उप्पल व सेवानिवृत्त उप महाप्रबंधक एके जिंदल के अलावा मैसर्स पावर एनर्जी कंसल्टेंट्स के प्रतिनिधि विनीत शर्मा, मेसर्स पावर एनर्जी कंसल्टेंट्स के प्रतिनिधि सीएम जैन और मैसर्स गेम्सा विंड टर्बाइन प्राइवेट लिमिटेड चेन्नई वर्तमान में मैसर्स सीमेंस गेम्सा नवीकरणीय ऊर्जा लिमिटेड को नामजद किया है।

यह लगे आरोप


  • 25 अगस्त 2010 को 50 मेगावाट क्षमता के विंड पावर प्रोजेक्ट की फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करने के लिए गलत ढंग से 81 लाख का टेंडर दिया गया।

  • कंपनी ने विंड मास्ट डेटा का गलत इस्तेमाल करते हुए पावर जनरेशन को लेकर गलत रिपोर्ट दे दी, जो वास्तविक प्रोडक्शन से बिल्कुल गलत है।

  • संजय उपल उस दौरान उस कमेटी के मेंबर थे, आरोप है कि इन्‍होंने जिसने इस कंपनी को कंसल्टेंसी के लिए हायर किया था। षड़यंत्र रचकर कंसल्टेंसी का यह काम उक्त कंपनी को दिलाया।

  • पावर एंड एनर्जी कंसल्टेंसी ने भी एसजेवीएनएल से साथ धोखाधड़ी की है। इसी तरह कुछ अन्य प्रोजेक्ट के टैंडर और उपकरणों की खरीद में भी गड़बड़ियां मिली है।

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