Meeting: प्रदेश के 26 लाख विद्युत उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ डालेगा बिजली का स्मार्ट मीटर
हाइलाइट्स
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मंडी के जोगिंद्रनगर में हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रीसिटी बोर्ड़ इम्प्लॉइज यूनियन की बैठक
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महासचिव हीरा लाल ने विद्युत बोर्ड की कार्यप्रणाली पर उठाया सवाल
टीएनसी, संवाददाता
जोगिंद्रनगर (मंडी)। हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रीसिटी बोर्ड़ इम्प्लॉइज यूनियन के अध्यक्ष कामेश्वर दत शर्मा और महासचिव हीरा लाल वर्मा ने विद्युत बोर्ड की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। ऊहल-3 परियोजना, विद्युत मंडल और बस्सी पॉवर हाउस में कार्यरत कर्मचारियों के सम्मेलन में में उन्होंने दावा किया कि बिजली का स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं की जेब पर भारी पड़ेगा। 26 लाख विद्युत उपभोक्ताओं अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। इनका कहना है कि बिजली का लोड अचानक बढ जाने से स्मार्ट मीटर में रीडींंग जंप करने के अनेकों मामलों की शिकायतें बिजली बोर्ड के समक्ष पंहुची हैं। उपभोक्ता भी स्मार्ट मीटर के पक्ष में नहीं है। राज्य पदाधिकारी यशवंत चौहान, मुनी लाल ठाकुर, भागमल राणा, ललित कुमार, जय कृष्ण शर्मा और हरिश शर्मा तथा पूर्व में रहे बरिष्ठ उपाध्यक्ष जितेन्द्र ठाकुर ने भी बिजली बोर्ड की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री से हस्ताक्षेप की मांग की है।
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.बैठक की अध्यक्षता कर रहे यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष कामेश्वर दत्त शर्मा व महासचिव हीरा लाल वर्मा ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के 16 हजार नियमित और तीन हजार आउट सोर्स के कर्मचारियों पर बीते छः महीने से बिजली बोर्ड को एक अस्थाई प्रबंधन निदेशक से चलाया जा रहा है । जिससे बिजली बोर्ड़ की गुणात्मक कार्यप्रणाली भी संदेह के घेरे में है।
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बताया कि प्रदेश में नौ हजार कर्मचारियों के पद अभी भी भरे नहीं गए और एक हजार स्थायी पदों पर मई माह में बोर्ड के द्वारा की गई घोषणा अभी भी औपचारिकताओं की फाईल में दफन है।
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बिजली बोर्ड़ में मार्च के बाद सेवानिवृत्त कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के वित्तीय लाभ अभी तक नहीं मिल पाए वहीं कर्मचारियों व पेंशनर्ज के सैकड़ों करोड़ रुपये की वित्तीय देनदारियां पिछले छः महीने से बोर्ड़ के पास लंबित पड़ी है।
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यूनियन के महासचिव हीरा लाल ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न जिलों से बिजली उपभोक्ताओं लगभग एक लाख उपभोक्ताओं के मीटर लगाने व बदलवाने के आवेदन फील्ड कार्यालयों में लंबित पड़े है, जिससे बिजली बोर्ड़ को भारी राजस्व का नुकसान हो रहा है।
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बिजली बोर्ड़ में कर्मचारियों की कमी के कारण आज जहां फील्ड में कर्मचारियों पर अतिरिक्त बौझ पड़ने पर फिल्ड के कार्य में भी हादसों का ग्राफ बढ़ा है।