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Mc Elections: पालमपुर और मंडी में चुनावों से ठीक पहले विधायकों को दिया वोटिंग का अधिकार

 

हाइलाइट्स

  • महापौर और उपमहापौर चुनावों में नई व्‍यवस्‍था

  • नगर निगम एक्ट 1994 की धारा 4 में संशोधन

  • विपक्ष ने घेरी सुक्‍खू सरकार, कहा-लोकतंत्र की हत्‍या

टीएनसी, संवाददाता


शिमला। पालमपुर और मंडी नगर निगम के महापौर और उपमहापौर के चुनाव से ठीक पहले प्रदेश सरकार ने नगर निगम की परिधि में आने वाले विधायकों को चुनाव में वोट डालने की मंजूरी दे दी है। सरकार ने नगर निगम एक्ट 1994 की धारा 4 में संशोधन करके यह बदलाव किया है। मंडी नगर निगम में 25, पालमपुर नगर निगम में महापौर और उपमहापौर का चुनाव 24 नवंबर को चुनाव होना हैं। सोलन और धर्मशाला में चुनाव की तारीख अभी तय नहीं हुई है। नगर निगम शिमला में पहले ही चुनाव हो चुके हैं। उधर, सरकार के इस कदम पर सियासत गरमा गई है। विपक्ष ने कड़ी आपत्ति जताई है और नगर निगम में विधायकों को वोटिंग अधिकार लोकतंत्र की हत्या बताया है।

 

कांग्रेस सरकार लोकतंत्र की हत्या करने पर आ गई है


भाजपा प्रवक्ता राकेश जम्वाल ने कहा है कि प्रदेश की वर्तमान कांग्रेस सरकार लोकतंत्र की हत्या करने पर आ गई है। नगर निगम के मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव को प्रभावित करने के लिए कांग्रेस की सरकार ने जीते हुए विधायकों को नगर निगम की चुनाव प्रक्रिया में मताधिकार दे दिए हैं। ऐसा हिमाचल प्रदेश में आज से पहले कभी नहीं हुआ। सोलन के भजपा प्रवक्‍ता ने शैलेंद्र गुप्‍ता ने कहा कि चुनाव के एक दिन पहले इस तरह की अधिसूचना जारी करके कांग्रेस ने अपना डर उजागर किया है। आपसी अंतर्कलह के कारण चुनाव हारने के डर से चुनावी प्रक्रिया को बाधित करने के लिए ऐसा किया गया है।

कांग्रेस का तर्क


कांग्रेस का तर्क है कि नगर निगम की परिधि में आने वाले विधायकों ने वोटिंग के अधिकार की मांग इस तर्क पर कर रहे थे कि नगर परिषद और नगर निकाय में उन्हें मताधिकार हैं। ऐसे में उन्हें नगर निगम में यह अधिकार मिलने चाहिए। इसके बाद शहरी विकास विभाग ने मामला सरकार को भेजा था। सरकार ने इसमें विधि विभाग की राय मांगी। विधि विभाग ने अधिनियम में मताधिकार न होने का हवाला दिया। अब सरकार ने एक्ट में संशोधन कर विधायकों को मतदान का अधिकार दे दिया है।

Akhilesh Mahajan

“Work your craft; until it becomes an art form.”

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