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Mandi Mahashivratri 2023: देवलुओं संग झूमते छोटी काशी पहुंचे देवी-देवता

 

हाइलाइट्स

शिवरात्रि महोत्सव के लिए आज भी शिरकत करेंगे कई देवी-देवता

जिला प्रशासन ने 216 पंजीकृत देवी-देवताओं को भेजा है न्योता

 

टीएनसी, संवाददाता


मंडी। छोटी काशी मंडी में सात दिनों तक चलने वाले देवताओं के महाकुंभ में शनिवार को पराशर ऋषि सहित दर्जनों देवी-देवता पहुंचे। बड़ा देव कमरूनाग, देव शुकदेव ऋषि, देव ढगांड़ू, देव बुढा बिंगल, बजीर झाथी वीर, देवी बगलामुखी व देवी बुढी भैरवा शुक्रवार को पहुंचे गई थी।

शनिवार को अस्‍सी से अधिक देवी-देवताओं ने राज देव माधोराय मंदिर में हाजरी भरी और उसके बाद राज महल में शीश नवाजे। देवी-देवताओं के आगमन से पूरा शहर भक्तिमय हो गया। पूरे शहर में हर ओर देव ध्वनि गुंजती रही।

शनिवार को मंडी पहुंचे देवी-देवताओं में देव पराशर ऋषि, देव छाजंणू, देव छामहू, देव मतलोड़ा, देव कोटलू, देव मार्कंण्डेय, देव आदि ब्रह्मा, देवी लंबोदर, देवी जालपा जुफर, देव मगरू महादेव, देव नाग चपलांदू, देव बिठ्ठू नारायण, देव हुंरग नारायण, देव पशाकोट, देव बालाकामेश्वर टिक्कर, देवी धारनागण सहित अन्य देवी-देवता मंडी पहुंच गए हैं। कुछ देवता रविवार को भी पहुंचेंगे।

 

अंतरराष्ट्र‌ीय शिवरात्रि महोत्सव देव-मानस मिलन का पर्व है। इस महोत्सव में देवताओं के साथ आम लोगों भी एक दूसरे से मिलते हैं। लेकिन देव मिलन अपने आपमें अनूठा है। देवता भी रिश्तों की की डोर में बंधे हैं। जिनमें बड़ा देव कमरूनाम क्षेत्र विशेष के देवताओं के अग्रज हैं। वहीं, चौहारघाटी के हुरंग नारायण देवता भी अपने-अपने क्षेत्र के देवताओं में वरिष्ठ माने जाते हैं।

 

देवताओं में क्रम और वरिष्ठता का ख्याल रखा जाता है। जो उनके देव समागम में बैठने से लेकर आपसी मिलन में भी देखा जा सकता है। वरिष्ठ देवता सदैव सबसे पहले बैठतें हैं। वहीं जब दो देवता आपस में मिलते हैं तो छोटा देवता वरिष्ठ देवती की परिक्रमा करते हुए उससे मिलता है। देव मिलन का दृश्य अपने आपमें मार्मिक और भावपूर्ण होता है। जोकि शिवरात्रि मेल में देखने को मिलता है। ढोल नगाड़ों की ताल पर झूमते हुए देवता जब आपस में मिलते हैं तो रिश्तों की गर्माहट और संवेदना का अहसास होता है। शिवरात्रि के दौरान जहां बड़ा देव कमरूनाग टारना की पहाडिय़ों में रहते हैं तो कई देवियां नरोल यानि एकांतवास में रहती हैं। इनमें बूढ़ी भैरवा पंडोह, बगलामुखी,देवी कुकलाह,मसवाई भगवती कैहनवाल,धूमा देवी आदि प्रमुख हैं।

Akhilesh Mahajan

“Work your craft; until it becomes an art form.”

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