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Kalka-Shimla Railway Track : देश में पहली बार नैरागेज ट्रैक पर ट्रेन सेट का ट्रायल सफल

 

हाइलाइट्स

  • रेलवे बोर्ड की टीम कालका से धर्मपुर तक ट्रेन सेट लेकर आई

  • बंगलूरू से आई तकनीकी टीम ने ट्रायल की रिपोर्ट तैयार किया

  • नियमित सेवा के लिए अब कालका से शिमला तक का होगा ट्रायल

  • आठ माह के भीतर कालका से टकसाल तक तीन ट्रायल हुए हैं फेल

टीएनसी, संवाददाता


सोलन/कालका। देश में पहली बार नैरोगेज ट्रैक पर ट्रेन सेट (सेल्फ प्रोपेल्ट हाइड्रोलिक मल्टीपल यूनिट) चलाने का ट्रायल बुधवार को सफल रहा। विश्व धरोहर कालका-शिमला पर पहली बार तीन बोगी वाले ट्रेन सेट निर्बाध दौड़ी। रेलवे बोर्ड की टीम कालका से धर्मपुर रेलवे स्टेशन तक ट्रेन सेट लेकर आई। इसके बाद यहीं से ट्रेन सेट कालका की ओर रवाना हुआ। बंगलूरू से आई तकनीकी टीम ने ट्रायल की रिपोर्ट तैयार किया, जिसे बोर्ड को सौंपा जाएगा।इसके बाद कालका से शिमला तक इसका ट्रायल होगा। यदि सब ठीक रहता है तो नियमित रूप से ट्रेन सेट चलाने के लिए आगामी कवायद शुरू होगी। रेलकार की जगह‍ ट्रेन सेट सैलानियों के लिए चलाया जा रहा है। जिसकी क्षमता भी अधिक है और यह ट्रेन सेट सामान्‍य रेल की अपेक्षा जल्‍दी अपडाउन कर सकेगा। बता दें कि इससे पहले आठ माह के भीतर कालका से टकसाल तक किए गए तीन ट्रायल फेल हो गए थे। टकसाल रेलवे स्टेशन पहुंचने से पहले ही ट्रेन सेट का इंजन गर्म हो जाता था। इस बार खामियों को दूर करने के बाद यह ट्रायल किया गया।


तीन घंटे में पहुंचेंगे कालका से शिमला


रेल मंत्रालय ने कालका-शिमला हैरिटेज रेलवे ट्रैक पर रेल मोटरकार के स्थान पर ट्रेन सेट (सेल्फ प्रोपेल्ट हाइड्रोलिक मल्टीपल यूनिट) चलाने का फैसला लिया है। इनटीग्रल कोच फैक्टरी चेन्नई (आईसीएफ) में तीन कोच वाला ट्रेन सेट तैयार कर लिया गया है। सामान्य गाड़ियां जहां कालका से शिमला पहुंचने में पांच घंटे लगाती हैं और रेल मोटरकार साढ़े चार घंटे में शिमला पहुंचती है। वहीं, नए ट्रेन सेट करीब 3 घंटे में शिमला पहुंचेंगे।

यात्री गाड़ी से उतरे बिना एक कोच से दूसरे में जा सकेंगे


इस गाड़ी को इंजन रहित ट्रेन भी कहा जाता है, क्योंकि इसमें कोच को खींचने के लिए इंजन नहीं लगता। कोच के अंदर ही इंजन होता है। ट्रेन सेट को बर्फ से ढके पहाड़ों और बर्फ पर स्कीइंग के खूबसूरत दृश्यों से सजाया गया है। इसके अलावा खिड़की के नीचे रोप-वे की तस्वीरों को भी स्थान दिया गया है। रेल मोटर कार के विकल्प के तौर पर चलाए जाने वाले ट्रेन सेट के तीनों कोच वेस्टिबुल (आपस में जुड़े) हैं। यात्री गाड़ी से उतरे बिना एक कोच से दूसरे में जा सकते हैं।

 

180 यात्री कर पाएंगे सफर


तीन कोच के इस ट्रेन सेट में 180 यात्री सफर कर पाएंगे। इसमें प्रति कोच 60 यात्री बैठ सकते हैं। ट्रेन सेट में सुविधाजनक सीटों के अलावा, एसी, हीटर, एलईडी व डिस्प्ले बोर्ड उपलब्ध है। गुरुवार को कालका से सोलन के बीच रेलवे बोर्ड ट्रायल करने के बारे में विचार कर रहा है।

खामियां दूर करने के बाद रेलवे बोर्ड ने ट्रेन सेट का बुधवार को कालका से धर्मपुर के बीच सफल ट्रायल किया। अब जल्द आगामी ट्रायल भी होंगे।

नवीन कुमार, सीनियर डीसीएम, मंडल अंबाला

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Akhilesh Mahajan

“Work your craft; until it becomes an art form.”

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