Joshimath Sinking: सात माह में नौ सेंटीमीटर तक धंसा जोशीमठ, सरकार नई टिहरी की तर्ज पर नया जोशीमठ बसाएगी
आज के हाइलाइट्स
भारत की स्पेस एजेंसी इसरो ने सैटेलाइट तस्वीरें की जारी
700 घरों, अस्पताल और होटल जाने वाली सड़क में भी दरार
45 करोड़ की आर्थिक सहायता को कैबिनेट ने जारी करने की दी मंजूरी
05 जगहों को पुनर्वास के चिन्हित
छह माह के बिजली-पानी के बिल माफ
जोशीमठ। उत्तराखंड के जोशीमठ का घंसना जारी है। शुक्रवार को भारत की स्पेस एजेंसी इसरो ने सैटेलाइट तस्वीरों की मदद से बनाई गई रिपोर्ट के हवाले से खुलासा किया है कि जोशीमठ पिछले सात महीनों में धीरे-धीरे 9 सेंटीमीटर तक धंस है। इसरो के नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (एआरएससी) की रिपोर्ट में पिछले कुछ समय से जमीन के धंसने की बात सामने आई हैं। यह भी दावा किया गया है कि इस कारण करीब 700 घर में दरार आ गई हैं। होटल और अस्पताल की ओर जाने वाली सड़क में भी दरार है।
ISRO releases the Remote sensing images on #Joshimath subsidence:
1)Slow subsidence up to ~ -9 cm recorded between April and November 2022
2) The region subsided around ~ -5 cm within a span of a few days between 27 Dec – 8 Jan pic.twitter.com/is4BtB8Zoc
— All India Radio News (@airnewsalerts) January 13, 2023
27 दिसंबर, 2022 से 8 जनवरी, 2023 तक जमीन अधित तेजी से धंसना शुरू हुई है। वहीं, जोशीमठ में दीवारों में दरार आने के कारण लोग वहां से पलायन के लिए मजबूर हो रहे हैं। दूसरी और जोशीमठ में आपदा प्रभावितों के पुनर्वास और राहत पैकेज को लेकर मंत्रिमंडल की बैठक में कई फैसले लिए गए है। विशेष कैबिनेट बैठक में जोशीमठ के भविष्य को लेकर रोडमैप जारी किया गया। सरकार की कवायद नई टिहरी की तर्ज पर नया जोशीमठ बसाने की है। कैबिनेट में मौजूद मंत्रियो ने एक माह का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देने का लिया फैसला।जोशीमठ आपदा प्रभावितों के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करेंगे मंत्री एक माह का वेतन।राहत शिवीरी में रह रहे लोगों को 450 रुपये खाने के एक दिन के लिए दिए जाएंगे।यदि कोई राहत शिविर के बजाय खुद से खाना बनाता है तो उसे भी एक दिन के एक व्यक्ति के 450 रुपये खाने का दिया जाएगा।
- जाने कब क्या हुआ (मीडिया रिपोर्ट्स)
27 दिसंबर: जोशीमठ के घरों में दरारें आने के बाद लोगों ने आंदोलन की चेतावनी दी। इसके बाद प्रशासन की तरफ से इंजीनियर्स और अफसरों की 5 सदस्यीय टीम ने दरारों की जांच की। इसके बाद जोशीमठ के घरों में दरारें बढ़ती रहीं, जब हालात ज्यादा बिगड़ गए तो राज्य और केंद्र सरकार ने इस ओर ध्यान दिया।
6 जनवरी: करीब 500 घरों और इमारतों में दरारें आने से लोगों में डर बढ़ गया। प्रभावित घरों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगहों पर निकालने का काम तेज किया गया। जोशीमठ में घरों में दरारें आने के बाद अब शिफ्टिंग का काम शुरू हो गया है।
7 जनवरी: उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी हालात का जायजा लेने जोशीमठ पहुंचे। इस दौरान चमोली के DM हिमांषु खुराना ने बताया कि समस्या कुछ ही इलाकों में है। सीएम ने प्रभावित लोगों की हर संभव मदद करने के निर्देश दिए।
8 जनवरी: जोशीमठ के हालात को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक हाई लेवल मीटिंग की। जिला प्रशासन से लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित जगह पर शिफ्ट कराने के लिए कहा गया है। मोदी ने राज्य के धामी से इस मुद्दे पर बात की।
9 जनवरी: शाम को जोशीमठ की इमारतों को हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए केंद्र की एक टीम पहुंची। टीम ने जांच कर राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपी। 478 घरों और 2 होटलों को डेंजर जोन घोषित किया गया। वहीं, उत्तराखंड सरकार ने जोशीमठ को तीन जोन में बांटने का फैसला किया। 9 जनवरी तक 81 परिवारों को विस्थापित किया गया।
10 जनवरी: जोशीमठ में 2 होटल गिराए जाने की कार्रवाई को स्थानीय लोगों के विरोध के बाद रोक दिया गया। होटल मालिकों ने कहा कि हमें कोई नोटिस नहीं दिया गया है। साथ ही उन्होंने मुआवजे की मांग भी उठाई। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर अर्जेंट हियरिंग करने से इनकार कर दिया। धामी ने बुधवार को प्रभावितों से मुलाकात की और उन्हें मदद का आश्वासन दिया।
11 जनवरी: जोशीमठ के 723 घरों में दरारें दिखने लगीं। सीएम धामी ने जोशीमठ में प्रभावितों से मुलाकात की और डेढ़ लाख रुपए की मदद देने की बात कही। CM ने बताया कि 50 हजार रुपए शिफ्टिंग के लिए और मुआवजे के एडवांस के तौर पर एक लाख रुपए दिए जाएंगे। फाइनल मुआवजा क्या होगा, ये बाद में तय किया जाएगा।
12 जनवरी: जोशीमठ के 50 से ज्यादा अन्य घरों में दरारें देखी गईं, पहले यह आंकड़ा 723 था। लोगों ने कहा कि मुआवजा तय हुए बिना वे अपनी संपत्ति कैसे छोड़ दें। सीएम धामी ने अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि शाम तक प्रभावितों के खाते में 1.5 लाख रुपए पहुंच जाएंगे।