Jogindernagar News: अस्पताल की अव्यवस्था पर एसडीएम ने चिकित्साधिकारियों से मांगा जवाब
हाइलाइट्स
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व्यवस्था में सुधार लाने के जारी किए निर्देश
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प्रबंधन से बैठक कर मरीज हित में कार्य करने की नसीहत
टीएनसी, संवाददाता
जोगिंद्रनगर(मंडी)। नागरिक अस्पताल जोगिंद्रनगर की अव्यवस्था पर अब एसडीएम कृष्ण कुमार शर्मा ने चिकित्साधिकारियों से बैठक कर व्यवस्था में सुधार लाने के दिशानिर्देश जारी किए हैं। अपने कार्यालय में अस्पताल प्रबंधन के कार्यालय के अधिकारी व प्रबंधन से चर्चा कर मरीजों के उपचार में पेश आ रही दिक्कतों की जानकारी हासिल की और उसके सही निदान को लेकर आवश्यक कार्रवाई अमल में लाने की भी हिदायत दी है।
उपमंडलीय अस्पताल की विभिन्न समस्याओं पर शहर के सामाजिक संगठनों और प्रबुद्ध नागरिकों के साथ अस्पताल के विशेषज्ञ चिकित्सकों की इस बैठक में एसडीएम कृष्ण कुमार शर्मा ने जहां प्रशासन की और से मिलने वाले सहयोग का भरोसा दिलाया। वहीं स्वास्थ्य विभाग से भी मिलने वाले वितीय लाभ पर अस्पताल प्रशासन को गंभीरता दिखाने का आहवान किया। बैठक में मौजूद अस्पताल के विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ विजेंद्र ने अस्पताल की कुछ समस्याओं पर एसडीएम से चर्चा कर सहयोग मांगा। इस दौरान कार्यालय के कर्मचारी धर्मेंद्र ने एसडीएम को बताया कि सालाना बजट में कटौती के चलते कई मर्तबा दवा, उपकरण की खरीद के अलावा अस्पताल के रोगी वार्डों व भवन के मरम्मत कार्यों में तेजी नहीं आ पा रही है।
प्रतिमाह 50 हजार के करीब का खर्च केवल मरीजों की पर्ची पर ही खर्च हो जा रहा है। आरकेएस से आमदनी अधिक न होने के चलते मरीजों के हित के कई कार्य ठप्प पड़े हैं। बैठक में मौजूद अस्पताल प्रबंधन के अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों ने बताया कि आलिशान भवन के कई हिस्सों में पानी के रिसाव से दीवारों व छतों को नुकसान पहुंच रहा है। शौचालय की पाईपलाईन चोक हो जाने से स्वच्छता व्यवस्था भी चरमर्रा गई है। लोक निर्माण विभाग के खाते में करीब चार लाख रूपये की धनराशी जमा करवाने के बाद अस्पताल के मरम्मत कार्य नहीं शुरू हो पा रहे हैं। अस्पताल में रेडियोमैटरीशन की तैनाती कर दी गई है लेकिन मशीनरी उपलब्ध न होने के चलते पीटीए टैस्ट करवाने के लिए मरीजों की मंडी, कांगड़ा के अस्पतालों में दौड़ लग रही है।
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दवाओं के अभाव से दम तोड़ रहे मरीज
नागरिक अस्पताल की अव्यवस्था पर एसडीएम कृष्ण कुमार शर्मा को अवगत करवाते हुए रोटरी कल्ब के पूर्वाध्यक्ष अजय ठाकुर ने बताया कि अस्पताल की आपातकालीन सेवाओं में भी जीवनरक्षक दवाओं का अभाव होने से गंभीर मरीजों की उपचार के दौरान मौत हो रही है। बीते कुछ दिन पहले हार्ट अटैक के एक मरीज को भी जब जीवनरक्षक दवाओं का लाभ समय पर नहीं मिल पाया तो अस्पताल के रैफर के दौरान आधे रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।
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आयुष्मान व हिम कार्ड का लाभ नहीं
अस्पताल से सेवानिवृत रोटेरियन रामलाल वालिया ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के आयुष्मान व हिम कार्ड का लाभ भी कुछ जगहों पर मरीजों को नहीं मिलने से साधारण मरीजों की दिक्कतें बढ़ी है। स्थानीय प्रशासन व अस्पताल प्रबंधन की इस बैठक में मौजूद कारोबारी ओम मरवाह व अश्वनी सूद ने बताया कि लचर प्रबंधन के चलते उपचार के लिए पहुंच रहे मरीजों को हर रोज परेशानी झेलनी पड़ रही है।