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Jogindernagar News: गायनी ओपीडी में सुबह उपचार के लिए पहुंची गर्भवती महिलाओं को दोपहर बाद भी करना पड़ा बारी का इंतजार

 

  • जोगिंद्रनगर अस्पताल में सप्ताह के पहले दिन अचानक उमड़ी मरीजों की भीड़ से तीमारदार भी रहे परेशान

टीएनसी, संवाददाता


जोगिंद्रनगर(मंडी)। नागरिक अस्पताल जोगिंद्रनगर की गायनी ओपीडी में सोमवार सुबह उपचार के लिए पहुंची गर्भवती महिलाओं को दोपहर बाद भी उपचार के लिए अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा। सप्ताह के पहले दिन अचानक उमड़ी मरीजों की भीड़ से अस्पताल की कुछ ओपीडी में व्यवस्था भी चरमर्रा गई। सामान्य ओपीडी में सर्दी, खांसी, तेज बुखार के मरीजों को उपचार दिलाने के लिए चिकित्सक तय समय पर पहुंच गए थे लेकिन बेहताशा मरीजों की भीड़ के आगे अस्पताल में तैनात सुरक्षाकर्मियों को भी जदोजहद करनी पड़ी। करीब तीन सौ से अधिक मरीज उपचार के लिए पहुंच चुके थे। इस दौरान गायनी ओपीडी में 110, सामान्य ओपीडी में सौ से अधिक मरीजों को उपचार दिलाया गया। अस्पताल की ओपीडी नंबर 105 में मौजूद विशेषज्ञ चिकित्सकों से चिकित्सा परामर्श हासिल करने के लिए भी मरीजों को इंतजार करना पड़ा। इसके अलावा अस्पताल के ईएनटी अनुभाग व आपातकालीन सेवाओं में भी मरीजों की आवाजाही सुबह से देर शाम तक जारी रही। इस दौरान अस्पताल की विभिन्न ओपीडी में मौजूद चिकित्सकों ने उपचार के लिए पहुंचे मरीजों को राहत प्रदान की। दवा के साथ आवश्यक सावधानियां बरतने की भी हिदायत दी।

शिशु ओपीडी में बिना उपचार लौटे मरीज


सोमवार को नागरिक अस्पताल जोगिंद्रनगर की सबसे व्यस्तम शिशु ओपीडी में उपचार के लिए पहुंचे मरीजों को निराशा हाथ लगी। यहां पर तैनात विशेषज्ञ चिकित्सक स्वास्थ्य विभाग के ही कार्य को लेकर मरीजों से नहीं मिल पाए। रोगी वार्डों में दाखिल मरीजों को अस्पताल के अन्य चिकित्सकों ने स्वास्थ्य लाभ दिलाया। महिला, पुरूष व आपातकालीन वार्ड में उपचार के लिए दाखिल मरीजों को अस्पताल का नर्सिंग स्टाफ चिकित्सक परामर्श के अनुसार उपचार दिलाता रहा।

 

उपचार के लिए पहुंचे मरीजों को विशेषज्ञ चिकित्सक के साथ मेडिकल चिकित्साधिकारी भी राहत प्रदान कर रहे हैं। सोमवार को अस्पताल की जिन ओपीडी में मरीजों की भीड़ अधिक रही वहां पर तैनात चिकित्सकों ने पूरी ईमानदारी व निष्ठा के साथ स्वास्थ्य लाभ दिलाया। दवा के साथ आवश्यक ऐहतियात बरतने के लिए भी अस्पताल के चिकित्सक मरीजों व तीमारदारों के संपर्क में रहे।

डॉ रोशन लाल कोंडल, वरिष्ठ चिकित्साधिकारी

Akhilesh Mahajan

“Work your craft; until it becomes an art form.”

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