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Jogindernagar News: सर्द मौसम में जोगेंद्रनगर अस्पताल में हृदय रोगी भी लाचार, सांस की बिमारी का भी नहीं मिल रहा है उपचार

हाइलाइट्स

  • विशेषज्ञ चिकित्सकों के अभाव से दोनों गंभीर बिमारियों से ग्रस्त मरीजों की टांडा व नेरचौक लग रही है दौड़

  • 80 से सौ किलोमीटर दूर स्थित बड़े अस्पतालों में समय पर न पहुंचने पर दम तोड़ रहे गंभीर मरीज

टीएनसी, संवाददाता


जोगिंद्रनगर (मंडी)।1940 के दशक के नागरिक अस्पताल जोगिंद्रनगर में हृदय रोगी उपचार के लिए लाचार हो गए हैं। सर्द मौसम में सांस की गंभीर बिमारियों से पीड़ित मरीजों का भी उपचार इस अस्पताल में न होने से दिक्कतें बढ़ गई हैं। दोनों ही विभागों के विशेषज्ञ चिकित्सकों के अभाव के कारण मरीजों को उपचार के लिए टांडा व नेरचोक की दौड़ लग रही है। लगभग 80 से सौ किलोमीटर दूर स्थित अस्पतालों में समय पर न पहंुचने से कई मरीजों की जान भी जा चुकी है। बावजूद उसके भी विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति सौ बिस्तरों वाले अस्पताल में नहीं हो पा रही है। सर्द मौसम में बजुर्ग मरीज सांस की बिमारी का उपचार लेने जब अस्पताल में पहुंच रहे हैं उन्हें केवल प्राथमिक उपचार ही मिल पा रहा है।

मेडिशियन विशेषज्ञ चिकित्सक अस्पताल में सालों से नहीं है। जबकि कार्डियोलॉजिस्ट विभाग अस्पताल में शुरू ही नहीं हो पाया है। इससे हृदय रोगी मरीजों की जान पर जोखिम बढ़ता जा रहा है। सर्द मौसम में दमे की बिमारी से ग्रस्त मरीज भी अस्पताल से बेरंग लौट रहे हैं। स्वीकृत 19 चिकित्सकों के पदों में एमबीबीएस चिकित्सकों की फौज ही अस्पताल में तैनात कर दी गई है। हड्डी व आंख रोग विशेषज्ञ चिकित्सक के पद भी उपमंडलीय अस्पताल में खाली पड़े हैं। इधर सिविल अस्पताल लडभड़ोल की स्वास्थ्य सुविधाओं की बात करें तो यहां पर भी विशेषज्ञ चिकित्सकों के पद खाली चल रहे हैं। यहां से रैफर होकर सिविल अस्पताल जोगेंद्रनगर में उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। गंभीर मरीज को मंडी जिला के नेरचोक व जिला कांगड़ा के टांडा अस्पताल में रैफर करना पड़ रहा है। आपात स्थिति में आईजीएमसी शिमला व पीजीआई चंडीगढ़ भी उपचार के लिए मरीज भेजने पड़ रहे हैं। दोनों ही अस्पताल में उपचार के लिए रोजाना 400 से अधिक मरीज पहुंच रहे हैं।

अस्पताल में यह सुविधाएं हैं मौजूद


जोगिंद्रनगर अस्पताल में किडनी की गंभीर बिमारी के मरीजों के लिए डायलिसिस यूनिट शुरू हो चुका है। सभी वार्डों में दाखिल मरीजों को पाईपलाईन से ऑक्सीजन की सुविधा मिल रही है। बहुमंजिला ईमारतों में महिला, पुरूष, गायनी, शिशु व सर्जिकल वार्ड में करीब सौ मरीजों के दाखिल करने की सुविधा है। नवजात शिशुओं के लिए स्पैशल चिल्ड्रन वार्ड भी स्थापित है। शल्य चिकित्सका के उपकरण और कक्ष की सुविधा के अलावा वार्डों तक पहुंचने के लिए लिफट सुविधा भी उपलब्ध करवा रखी है लेकिन विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी के कारण सिल्वर जुब्ली अस्पताल से रोजाना सांस व हृदय रोग के मरीज रैफर हो रहे हैं। अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डॉ रोशन लाल कोंडल ने कहा कि विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति के लिए स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों से वह लगातार पत्राचार कर रहे हैं।

Akhilesh Mahajan

“Work your craft; until it becomes an art form.”

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