Jogindernagar News: ज्योतिष के ज्ञान से भविष्य को सुधारा जा सकता है: ज्योतिषाचार्य लेखराज शर्मा
हाइलाइट्स
-
अखिल भारतीय पुराण सम्मेलन रुड़की में सजा ज्योतिष समागम
-
विदों ने धर्मशास्त्र ,ज्योतिष शास्त् पुराण शास्त्र, वेद शास्त्र तथा उपनिषदों पर
टीएनसी, संवाददाता
जोगिंद्रनगर(मंडी)। उत्तराखंड ज्योतिष परिषद द्वारा आयोजित अखिल भारतीय पुराण सम्मेलन रुड़की में 25 सितंबर को संपन्न हुआ। जिसमें देश-विदेश से 200 विद्वानों ने भाग लिया। जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यतींद्रानंद गिरी महाराज, निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर ललितानंद महाराज तथा हिमाचल प्रदेश से विश्व विख्यात ज्योतिषाचार्य कैप्टन डॉक्टर लेखराज शर्मा, दिल्ली से पधारे आचार्य अनिल वत्स, जयपुर से पधारे सतीश शर्मा, आचार्य डॉक्टर अजय भाभी तथा और अनेक प्रांतो से अनेक विद्वान कार्यक्रम का हिस्सा बने।
सम्मेलन में आए विद्वान जनों ने धर्मशास्त्र ,ज्योतिष शास्त् पुराण शास्त्र, वेद शास्त्र तथा उपनिषदों पर विशेष रूप से चर्चा की !हिमाचल प्रदेश से पधारे कैप्टन लेखराज शर्मा ने हिंदू धर्म व ज्योतिष के बारे में बताते हुए कहा कि हिंदू धर्म का मूल आधार 18 पुराण ,चार वेद , 6 शास्त्र ,108 उपनिषद हैं! इन पर चलकर ही कल्याण होगा। सनातन पर उंगली उठाने वाले इसको पढ़ लें। फिर उस पर बात करें। 18 पुराण पूर्ण रूप से वैज्ञानिक हैं वेदों में पूर्ण विज्ञान हैं।वेदों से ही हमारी श्रेष्ठ सिद्ध होती है। हमारे ऋषि मुनि महान वैज्ञानिक थे। हमें इस परंपरा पर चलना चाहिए। वेदों में ज्योतिष की भी चर्चा है। ज्योतिषी वेदों का अंग है। वैदिक ज्योतिष निर्देश देता है कि जीवन में आप जो कुछ भी करते हैं वह आपके जन्म के समय सितारों और ग्रहों की स्थिति से प्रभावित होता है आपका जन्म कर्म न्याय और निर्णय के अनुसार हुआ है और कर्म उसी क्षण सितारों में लिखा जाता है| ज्योतिष के ज्ञान से भविष्य को सुधारा जा सकता है। कैप्टन शर्मा के व्यक्तित्व की सभी विद्वान जनों ने प्रशंसा की तथा उनके ज्योतिष व हिंदूधर्म के उत्थान में दिए योगदान के लिए किए कार्य की बड़ी सराहना की गई यह हमारे जोगिंदरनगर क्षेत्र जिला मंडी के लिए खुशी की बात है कि हमारे क्षेत्र के व्यक्ति केकारण इस क्षेत्र के नाम की पहचान दूसरे राज्यों में भी हो रही है| ज्योतिष के साथ साथ हिंदू धर्म के उत्थान में भी शर्मा जी के प्रयास प्रशंसनीय हैं|