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जोगिंद्रनगर अस्पताल: बेपरवाह शासन, बेबस प्रशासन और बेहाल जनता

हाइलाइट्स

  • विशेषज्ञ चिकित्सक सेवाएं देने को नहीं तैयार, करोंड़ों रूपए के संसाधन बेकार

  • उपमंडलीय अस्पताल में अव्यवस्था से प्रबंधन बेबस, मरीज उपचार के लिए लाचार

टीएनसी, संवाददाता


जोगिंद्रनगर(मंडी)। बेशर्म‍ शासन, बेबस प्रशासन और बेहाल जनता। यह हाल है नागरिक अस्पताल जोगिंद्रनगर का। रिक्त चल रहे विशेषज्ञ चिकित्सकों के पदों में सेवाएं देने को लेकर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों के चिकित्सक अरसे बाद भी राजी नहीं हो पा रहे हैं। जिस कारण उपमंडलीय अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा उपलब्ध करवाई गई करोड़ों रूपए की सुविधाएं व संसाधन बेकार होने लग पड़े हैं। लचर प्रबंधन से अधिकारी भी बेबस हैं, जबकि उपचार के लिए हर रोज पहुंच रहे मरीज भी लाचार है।

सूरते हाल


  • सौ बिस्तरों वाले अस्पताल में बीते आठ सालों से मेडिशियन विशेषज्ञ चिकित्सक के पद पर नियुक्ति देने के लिए प्रदेश के किसी भी विशेषज्ञ चिकित्सक ने हामी नहीं भरी है।

  • आंख विशेषज्ञ चिकित्सक का पद भी पांच सालों से रिक्त चल रहा है। हृदय रोगियों के लिए भी विशेषज्ञ चिकित्सक की दरकार उपमंडलीय अस्पताल में बनी हुई है।

  • हड्डी रोग विशेषज्ञ चिकित्सक का पद भी बीते कई सालों से खाली चल रहा है।

संसाधनों के क्‍या कहने


  1. अस्पताल की सुविधाओं व संसाधनों की बात करें तो यहां पर बहुमंजिला ईमारतों पर करोड़ों रूपये का खर्च स्वास्थ्य विभाग की और से किया गया है। पांच मुख्य रोगी वार्डों में सौ मरीजों के दाखिले की व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग की और से की गई है।

  2. महिला, पुरूष, सर्जिकल, शिशु व गायनी वार्ड में दिव्यांग मरीजों को पहुंचाने के लिए लिफट की सुविधा भी उपलब्ध करवा रखी है। गंभीर मरीजों के लिए सीसीयू वार्ड की भी व्यवस्था है।

  3. घटना व दुर्घटना के घायलों को त्वरित उपचार दिलाने के लिए शल्यचिकित्सा की सुविधा व आपातकालीन वार्ड की भी व्यवस्था कर रखी है। रोगी वार्डों में दाखिल मरीजों के लिए ऑक्सीजन की सुविधा भी बैड पर उपलब्ध करवाई गई है लेकिन विशेषज्ञ चिकित्सकों के अभाव से यह तमाम सुविधाएं व संसाधन बेकार साबित हो रहे हैं। जबकि हर रोज उपचार के लिए करीब चार सौ मरीज पहुंच रहे हैं। अस्पताल के एसएमओ का कहना है कि उनके माध्यम से

 

विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति को लेकर स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है।
डॉ रोशन लाल कोंडल, एसएमओ

 

आखिर कौन जिम्‍मेवार


बढ़ती आबादी के साथ नागरिक अस्पताल की सुविधाओं व संसाधनों में स्वास्थ्य विभाग ने भले ही विस्तार कर दिया है लेकिन विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी के चलते यह सुविधाएं बेकार साबित हो रही है। चिकित्सकों की नियुक्ति होने के बाद ही उपमंडलीय अस्पताल में मरीजों को स्वास्थ्य लाभ मिलेगा।

रविंद्र ठाकुर, समाजसेवी एवं नेता आम आदमी पार्टी


कई किलोमीटर का सफर तय करने के बाद उपमंडलीय अस्पताल में पहुंच रहे मरीजों को निराशा हाथ लग रही है। प्रदेश में काबिज कांग्रेस सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार के दावे कर रही हैं लेकिन संसाधनों के साथ विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति न होने से सरकारी अस्पताल सफेद हाथी बनकर रह गए हैं।

प्रकाश राणा, भाजपा विधायक जोगिंद्रनगर


स्वास्थ्य के क्षेत्र में भाजपा व कांग्रेस की सरकारों की उदासीनता के चलते मौजूदा परिवेश में सरकारी अस्पताल शॉपिश बनकर रह गए हैं। नागरिक अस्पताल जोगेंद्रनगर व लडभड़ोल में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी के चलते मरीजों को बिना उपचार ही लौटना पड़ रहा है।

कुशाल भारद्वाज, जिला परिषद एवं माकपा नेता जोगिंद्रनगर


शिक्षा की तरह स्वास्थ्य के क्षेत्र भी जीवन का मूल आधार है। लेकिन पूर्व में सतासीन सरकारों ने सरकारी अस्पतालों में इस और ध्यान नहीं दिया। प्रदेश में अब व्यवस्था परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खु की सरकार ने बागडोर संभाली है। प्रदेश भर के सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति का क्रम शुरू हो चुका है। जिसका लाभ जोगेंद्रनगर के सरकारी अस्पतालों को भी मिलेगा।

शूचिका प्रधान, सचिव जिला कांग्रेस कमेटी

 

Akhilesh Mahajan

“Work your craft; until it becomes an art form.”

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