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जायका प्रोजेक्ट:महिलाओं को अब उत्पादों की बिक्री के लिए मिलेगा बाजार

 

हाइलाइट्स

  • वन मंडल जोगिंद्रनगर की शानदार पहल

  • महिलाओं की आर्थिकी सुदृढ़ करने को कदम

  • प्रत्येक वन परिक्षेत्र में बिक्री के लिए शोरूम

टीएनसी, संवाददाता


जोगिंद्रनगर(मंडी)। जायका प्रोजेक्ट के तहत आत्मनिर्भर बन रही महिलाओं को अब उनके निर्मित उत्पादों के लिए बाजार भी मिलेगा। इससे महिलाओं के द्वारा निर्मित उत्पादों के लिए जहां अच्छे दाम मिलेगें वहीं रोजगार की राह को भी बढ़ावा मिलेगा। महिलाओं की आर्थिकी सुदृढ़ करने के लिए वन मंडल जोगिंद्रनगर ने शानदार कवायद शुरू की है।
सोमवार को ऐसीएफ अश्वनी कुमार से मिली जानकारी के अनुसार वनमंडल कार्यालय में जायका प्रोजेक्ट के तहत निर्मित उत्पादों के लिए शोरूम खोलने की तमाम औपचारिकताएं पूरी कर दी गई है। इसी कड़ी में प्रत्येक वन परिक्षेत्र में उत्पादों की बिक्री के लिए बाजार खुलेगें। बताया कि करोड़ों का बजट जायका प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश के विभिन्न जिलों में खर्च किया जा रहा है। मंडी जिला के जोगिंद्रनगर में 33 ग्राम वन विकास समिति के अधीन आने वाले 66 स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा निर्मित उत्पादों की बिक्री के लिए बाजार भी उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया है।

 

पांच साल में आठ सौ महिलाओं को मिला रोजगार: वनमंडलाधिकारी


वन मंडल जोगेंद्रनगर के अधीन आने वाले वन परिक्षेत्र जोगिंद्रनगर, लडभड़ोल, उरला, धर्मपूर, कमलाह व टिक्कन में जायका प्रोजेक्ट के तहत करीब आठ सौ महिलाओं को रोजगार मिला है। स्वयं सहायता समूह का गठन कर महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही है। वनमंडलाधिकारी कमल भारती ने बताया कि कटिंग, टेलरिंग के अलावा हल्दी, आचार, मशरूम उत्पादन के साथ टोर के पतलों से भी महिलाएं अजिविका कमा रही है। घर की साज सजावट और आकर्षक परिधान तैयार कर भी अजिविका कमा रही है। बताया कि जोगेंद्रनगर में 2018 से 23 तक 66 स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को जायका प्रोजेक्ट के तहत बजट का प्रावधान कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है।

 

स्वरोजगार के लिए 75 प्रतिशत का अनुदान


जायका प्रोजेक्ट के तहत स्वरोजगार के विभिन्न आयामों में 75 प्रतिशत का अनुदान दिया जा रहा है। इसमें 20 लाख रूपये तक की धनराशी खर्च की जा सकती है। पुरूषों को व्यवसाय के लिए समूह के माध्यम से 50 प्रतिशत और महिलाओं को 75 प्रतिशत अनुदान जायका प्रोजेक्ट के तहत मिल रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में लघु उद्योगों को विकसित कर महिलाएं व पुरूष रोजगार की राह में मजबूत हो रहे हैं। पौधारोपण अभियान में भी जायका प्रोजेक्ट के तहत महिला व पुरूषों की सहभागिता तय की गई है।

 

Akhilesh Mahajan

“Work your craft; until it becomes an art form.”

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