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India: The Modi Question डाक्युमेंट्री पर बवाल

 

हाइलाइट्स

जेएनयू के बाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया विवि में तनाव

स्क्रिनिंग पर अड़े रहे कई छात्र, भारी पुलिस बल की रही तैनाती

एक दर्जन से अधिक छात्रों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया

टीएनसी, नेटवर्क

नई दिल्ली। गुजरात दंगों को लेकर नरेंद्र मोदी पर आधारित बीबीसी की विवादित डॉक्युमेंट्री  ‘द मोदी क्वेश्चन’ का भारत में विवाद गहराता जा रहा है। इस डाक्युमेंट्री पर भारत में प्रतिबंध है।  है। बावजूद इसके जवाहर नेहरू विश्वविद्यालय में मंगलवार को स्क्रिनिंग की हुई। स्थिति बेकाबू हो गई और पत्थराव तक हुआ। अब ‌वहां से छिड़े विवाद ने दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय को भी लपेट लिया है। जामिया विश्वविद्यालय में बुधवार की शाम 6 बजे कथित तौर पर बीबीसी की विवादित डॉक्युमेंट्री की स्क्रीनिंग रखी गई थी।  मीडिया रिपोर्टस के अनुसार स्क्रीनिंग के लिए पहुंचे एसएफआई, आयशा व एनएसयूआई के  करीब एक दर्जन छात्रों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। वहीं इस डाक्युमेंट्री के बहाने कांग्रेस के कई दिग्गज नेता मोदी पर निशाना साध रहे हैं।

जानिए क्या है बीबीसी डाक्युमेंट्री विवाद
बीबीसी ने 17 जनवरी को द मोदी क्वेश्चन डॉक्यूमेंट्री का पहला एपिसोड यूट्यूब पर रिलीज किया। दूसरा एपिसोड 24 जनवरी को रिलीज होना था। इससे पहले ही केंद्र सरकार ने पहले एपिसोड को यूट्यूब से हटा दिया। पहले एपिसोड के डिस्क्रिप्शन में लिखा था कि ये डॉक्यूमेंट्री भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुस्लिम अल्पसंख्यकों के बीच तनाव पर नजर डालती है। गुजरात में 2002 में हुए दंगों में नरेंद्र मोदी की भूमिका के दावों की जांच करती है। बता दें कि गुजरात दंगों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित सम‍िति ने नरेंद्र मोदी को क्‍लीन चिट दी थी।  हालांकि इसे विदेश मंत्रालय ने प्रोपेगेंडा बताकर खारिज कर दिया गया। विदेश मंत्रालय ने बताया कि इसमें निष्पक्षता की कमी है और औपनिवेशिक मानसिकता को दर्शाता है। वहीं, केंद्र सरकार के इस कदम को कांग्रेस और टीएमसी जैसे विपक्षी दलों से तीखी आलोचना मिली है।

 

सियासी हलचलः डाक्युमेंट्री के बहाने मोदी पर निशाना

 

 

 

राहुल गांधी ने डॉक्यूमेंट्री बैन करने को गलत बताया है। राहुल ने कहा कि अगर आपने हमारे शास्त्रों को पढ़ा है, या आपने भगवत गीता या उपनिषदों को पढ़ा है तो आप देख सकते हैं कि सच्चाई हमेशा सामने आती है। आप उसे कैद नहीं कर सकते हैं।

 

 

डॉक्‍यूमेंट्री के प्रसारण पर रोक के बावजूद टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा ने उसके दूसरे एपिसोड की लिंक ट्विटर पर शेयर की।

 

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने डॉक्यूमेंट्री को बैन किए जाने पर भी सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि एक डॉक्यूमेंट्री हमारे राष्ट्र की संप्रभुता को कैसे प्रभावित कर सकती है?

 

कांग्रेस नेता अनिल एंटनी ने मंगलवार को कांग्रेस से अलग रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्थानों पर बीबीसी के विचारों को रखने का मतलब देश की संप्रभुता को कमजोर करना है। अनिल केरल के पूर्व सीएम एके एंटनी के बेटे हैं।

Akhilesh Mahajan

“Work your craft; until it becomes an art form.”

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