हाइलाइट्स
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तालाबंदी से निर्माण सामग्री की भारी किल्लत
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रोकने पड़े काम, सैकड़ों का रोजगार प्रभावित
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18 नवंबर को कैबिनेट मीटिंग में होगी चर्चा
टीएनसी, संवाददाता
शिमला/ जोगिंद्रनगर। हिमाचल सरकार बंद स्टोन क्रशर खोलने के फरमान जल्द जारी करने वाली है। लगभग तीन महीने से स्टोन क्रशर पर बैन लगा हुआ है। ब्यास किनारे बंद किए गए स्टोन क्रशर के कारण प्रदेश में रेत व बजरी की भारी किल्लत है। जो रेत-बजरी मिल रही है, उसकी कीमतें आसमान छू रही हैं।वहीं, स्टोन क्रशर बंद होने से प्रत्यक्ष और अप्रत्क्ष रूप से हजारों का रोजगार प्रभावित हो रहा है। सूत्रों के अनुसार इसे लेकर 18 नवंबर को होने वाली कैबिनेट मीटिंग चर्चा हो सकती है, जिसके बाद बंद स्टोन क्रशर को खोलने का फैसला लिया जा सकता है।
07 नवंबर को प्रकाशित खबर
स्टोन क्रशर बंद: हिमाचल में रेत और बजरी का संकट, दाम बढ़े, विकास कार्य थमे
रोकने पड़े निर्माण कार्य
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स्टोन क्रशर बंद होने से कांगड़ा, कुल्लू, मंडी व बिलासपुर जिले में सरकारी व प्राइवेट काम काज बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। जिलों में निर्माण कार्य के लिए रेत व बजरी नहीं मिल पा रही है।
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लोक निर्माण विभाग को सड़कों की टारिंग के काम रोकने पड़े हैं। इसी तरह पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग और दूसरे महकमों के निर्माण से जुड़े काम रोकने पड़े हैं।
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स्थानीय लोग और ठेकेदार मजबूरन पंजाब से महंगे दाम पर रेत बजरी ला रहे हैं। लोनिवि मंत्री विक्रमादित्य सिंह भी इस बात को लेकर चिंता जाहिर कर चुके हैं।
स्टोन क्रशर बंद होने से नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि इससे निर्माण सामग्री की किल्लत तो हुई है, साथ में सरकार को भी रॉयल्टी के तौर पर 50 लाख रुपए रोजाना के हिसाब से नुकसान हो रहा है। उन्होंने माना कि स्टोन क्रशर बंद होने से निर्माण सामग्री की कीमतें ऊंची हुई है। उन्होंने खुद भी क्रशर को लेकर मुख्यमंत्री से बात की है।
हर्षवर्धन चौहान, उद्योग मंत्री