Himachal: सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी नहीं होगा बंद, अनियमिताओं की होगी जांच: विक्रमादित्य सिंह
हाइलाइट्स
- भ्रम का माहौल न बनाए जयराम, जिम्मेदार नेता की तरह बर्ताव करें
- मंडी जिला से भले समर्थन नहीं मिला विकास में कोई कमी नहीं रहेगी
टीएनसी, संवाददाता
मंडी। लोकनिर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि सरदार पटेल युनिवर्सिटी को बंद नहीं किया जाएगा। अगर नियुक्तियों को लेकर किसी प्रकार की अनियमिताएं हुई है, तो जांच होगी। युवाओं के साथ भेदभाव करने वाले नियमानुसार कार्रवाई के हकदार होंगे। वह मंडी में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर नेताप्रतिपक्ष बनते ही अपने स्वभाव के विपरीत व्यवहार कर रहे हैं। यह जयराम ठाकुर के स्वभाव में नहीं है। इसके बावजूद वे लगातार तथ्यहीन बातें कर रहे हैं। कभी कहते है कि आपरेशन लोटस करेंगे तो कभी कहते हैं प्रदेश सरकार ज्यादा दिन नहीं चल पाएगी। प्रदेश में ऐसा माहौल बनाया जा रहा है, जयराम ठाकुर को यह बात शोभा नहीं देती है । वह एक जिम्मेदार नेता की तरह व्यवहार करें। उन्होंने कहा कि जयराम ठाकुर को मालूम होना चाहिए कांग्रेस के पास उनसे 13 विधायक ज्यादा हैं। प्रदेश सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी। विक्रमादित्य ने कहा कि सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार राजनैतिक बदले की भावना से कार्य नहीं करेगी। प्रदेश के दूसरे विश्वविद्यालय सरदार पटेल युनिवर्सिटी को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में विक्रमादित्य ने कहा कि
लोनिवि में क्वालिटी कंट्रो्ल के लिए ली जाएंगी निजी लैब की सेवाएं
लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि सडक़ों में पड़े गड्ढों को भरने के लिए नई तकनीक का सहारा लिया जाएगा। वहीं पर लोकनिर्माण विभाग के क्वालिटी कंट्रोल विंग को मजबूत करने की जरूरत पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारियों से हुई बैठक में उन्हें काम करने की खुली छूट दी गई है। इसके अलावा इसमें निजी लैबस की सेवाएं भी लेने पर विचार किया जा रहा है।
जयराम सरकार में सरकारी धन का निर्माण कार्यों में हुआ दुरुपयोग
लोनिवि मंत्री ने कहा कि पूर्व में बहुत सारे सरकारी धन का दुरूपयोग निर्माण कार्यों के दौरान हुआ है। जहां-जहां भी पुल टूट हैं वहां पर ठेकेदारों परे ही घाटे को दूर करने जिम्मेदारी डाली गई है। विक्रमादित्य सिंह ने कहाकि पूर्व सरकार के दौरान केंद्रीय सडक़ परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एक ही दिन में 69 एनएच घोषित किए थे । जो कागजों में ही सिमट कर रह गए हकीकत की जमीन पर उतर नहीं पाए। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से सवला किया कि वे बताएं 69 राष्ट्रीय उच्च मार्गों का का क्या हुआ।