Himachal News:सफेदा, पापलर, बांस और कुठ के लिए परमिट जरुरी नहीं
हाइलाइट्स
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राज्य के अंदर और बाहर भी ढुलाई आसान होगी
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सीएम सुक्खू ने दी जानकारी, कहा लोगों की चिर लंबित मांग पूरी
टीएनसी, संवाददाता
शिमला। अब राज्य के लोग सफेदा, पापलर, बांस की लकड़ी के साथ-साथ कुठ (औषधीय पौधे) प्रजाति की लकड़ी को बिना परमिट के प्रदेश से बाहर ले जा सकते हैं। साथ ही इन प्रजाति की लकड़ी की ढुलाई राज्य के भीतर भी बिना अनुमति के हो पाएगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इसकी जानकारी मीडिया को दी है। सुक्खू ने कहा कि राज्य के लोगों की यह चिरलंबित मांग थी, जिसे पूरा किया गया है। राज्य में बहुत से किसान इन प्रजाति के पेड़ों को व्यवसायिक स्तर पर उगाते हैं, ऐसे में उनके हितों को देखते हुए राज्य सरकार ने इन चार प्रजातियों पर लगे प्रतिबंध को हटाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त प्रदेश सरकार ने खैर की लकड़ी, कत्था, देवदार के तेल सहित प्रदेश में उगने वाली अन्य जड़ी-बूटियों को प्रदेश से बाहर ले जाने पर लगे प्रतिबंध को भी हटा दिया है। हालांकि इन वन उत्पादों को प्रदेश से बाहर ले जाने के लिए वन विभाग से परमिट लेना होगा।
वन विभाग जारी करेगा परमिट
राज्य सरकार वन विभाग से विभिन्न प्रकार के ई-परमिट प्राप्त करने के लिए हिमाचल प्रदेश में नेशनल ट्रांजिट पास सिस्टम शुरू करने जा रही है। यह सिस्टम शुरू करने वाला हिमाचल प्रदेश देश का छठा राज्य होगा, जिसके शुरू होने से जहां लोगों को ई-परमिट प्राप्त करने में सुविधा होगी, वहीं विभाग के कार्यों में पारदर्शिता और दक्षता आएगी।