Himachal: चंबा के पूर्व विधायक बीके चौहान का निधन, आईएएस की नौकरी छोड़ आए थे राजनीति में
हाइलाइट्स
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आज शव लाया जा रहा चंबा, कल पैतृक गांव कुंडी में अंतिम संस्कार
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लंबे अरसे चल रहे थे बीमार, दिल्ली में ली अंतिम सांस
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बिहार, दिल्ली और हिमाचल में कई अहम पदों पर दी सेवाएं
टीएनसी, संवाददाता
चंबा। सदर चंबा सीट से दो बार विधायक रहे बीके चौहान का 76 वर्ष की आयु में दिल्ली में निधन हो गया है। आज उनका शव चंबा लाया जाएगा। कल पैतृक गांव कुंडी में अंतिम संस्कार होगा। चौहान पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे और दिल्ली में रह रहे थे। आईएएस की नौकरी छोड़ राजनीति में आए चौहान मंडी और लाहौल स्पिति के डीएम भी रहे हैं। उन्होंने बिहार, दिल्ली और हिमाचल में कई अहम पदों पर सेवाएं दी हैं।
प्रशासनिक सेवा से उतरे थे सियासी अखाड़े में
1974 में वह आईएएस बने तो बिहार के पूर्णिया के डीएम बने। उसके बाद बिहार सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में महत्वपूर्ण पदों पर रहे। उसके बाद हिमाचल में मंडी व लाहौल स्पिती के डीएम रहे। हिमाचल सरकार में भी कई पदों पर रहे। उसके बाद एलएन मिथिला यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर बने। चौहान ने 2003 में सक्रिय तौर पर राजनिति में हाथ आजमाने का फैसला लिया तो उस समय वह झारखंड सरकार में अतिरिक्त चीफ सेक्रेटरी थे। उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़ने के लिये वीआरएस लिया व राजनिति के मैदान में आ गये। इलाके में उनका कोई खास विरोध भी नहीं हुआ व पहली बार 2007 के चुनावों में चंबा से विधायक चुने गये। इस समय प्रदेश भाजपा कार्यकारिणी के सदस्य हैं। 2012 के चुनावों में चौहान दूसरी बार विधायक चुने गए।
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11-4-1947 को जन्मे बीके चौहान ने पंजाब विवि से भूगोल और इतिहास में स्नातकोत्तर की थी।
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एमबीए लीड विश्वविद्यालय यूके में की
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1974 में भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल होने से पहले वर्ष 1973 में राज्य प्रशासनिक सेवा के लिए चयनित हुए थे।
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एक आईएएस के रूप में राज्य सरकार के संस्थान में भूगोल पढ़ाया। कई अहम पदों पर रहे
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राजनीति में शामिल होने के लिए 2003 में अतिरिक्त मुख्य सचिव झारखंड के पद से भारतीय प्रशासनिक सेवा में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति मांगी