DevelopmentHimachalNational

Himachal: अब डलहौजी छावनी सिविल क्षेत्र में होगी मर्ज, एक सप्‍ताह में रिपोर्ट तलब

हाइलाइट्स 

  • प्रदेश की छावनी क्षेत्रों को बाहर करने की कवायद तेज

  • योल के बाद चंबा की डलहौजी छावनी होगी दूसरी

  • डगशाई, कसौली, बकलोह, जतोग, सुबाथू के सिविल एरिया भी होंगे  बाहर

टीएनसी, संवाददाता


डलहौजी(चंबा)। प्रदेश के छावनियों के सिविल एरिया को छावनी क्षेत्र से अलग करने को लेकर रक्षा मंत्रालय ने प्रक्रिया तेज कर दी है। अब डलहौजी छावनी को सिविल क्षेत्र में मिलाया जाएगा। पहले योल छावनी से सिविल एरिया अलग हो चुका है। रक्षा मंत्रालय ने इस संदर्भ में डलहौजी छावनी के सीईओ को एक सप्ताह में छावनी की अधिसूचना रद्द करने और इसकी रिपोर्ट डीजीडीआई को सौंपने के फरमान जारी किए हैं। इसके बाद डगशाई, कसौली, बकलोह, जतोग, सुबाथू छावनी क्षेत्र को छावनी के सिविल क्षेत्रों से बाहर किया जाएगा। अगर डलहौजी छावनी को भी सिविल क्षेत्र में मिलाया जाता है तो यह प्रदेश की दूसरी छावनी बनेगी जो छावनी क्षेत्र से बाहर होगी। इन फरमानों से प्रदेश की अन्य छावनियों के लोगों में भी खुशी की लहर है। लोगों को उम्‍मीद है कि जल्द यह छावनियां भी अब सिविल क्षेत्र में मिलाई जा सकती हैं। हजारों लोग पिछले काफी समय से सिविल एरिया को अलग करने की मांग को लेकर प्रयासरत हैं। उनके यह प्रयास अब परवान चढऩे लगे हैं और प्रदेश सरकार के साथ-साथ रक्षा मंत्रालय भी हरकत में आ गया है।

 

सिविल एरिया होने पर होगा फायदा

  • इस क्षेत्र में रहने वाले लोगों को प्रॉपर्टी के मालिकाना हक को लेकर होने वाली परेशानियों से मुक्ति मिलेगी। क्योंकि, अभी यहां प्लॉट-मकान की रजिस्ट्री तो होती है, लेकिन कैंटोनमेंट बोर्ड का तर्क होता है कि जमीन हमारी है और रजिस्ट्री-कब्जे सब अवैध हैं।

  • कैंटोनमेंट क्षेत्र में रहने वाले लोगों को हाउसिंग लोन या यहां की प्रॉपर्टी पर दूसरे लोन नहीं मिलते। बैंकों को डर रहता है कि यदि लोन लेने वाला पैसा नहीं चुका पाया तो कैंटोनमेंट बोर्ड से प्रॉपर्टी कैसे मिलेगी? इसलिए बड़े बैंकों ने यहां लोन देना बंद कर रखा है, कुछ निजी बैंक लोन देते हैं, लेकिन उसमें भी प्रॉपर्टी के साथ दूसरी सिक्युरिटी भी लेते हैं।

  • सरकार की आवासीय, पानी, सीवर एवं सड़क से संबंधित योजनाओं का सीधा फायदा इस क्षेत्र के लोगों को मिल सकेगा। अभी इन योजनाओं का फायदा नहीं मिलता और कैंटोनमेंट में विकास कार्यों की गति धीमी रहती है।

छावनी एसोसिएशन के महासचिव मनमोहन शर्मा ने कहा कि प्रदेश की छावनियों के लोगों को अब उम्मीद है कि वह जल्द ही छावनियों से बाहर हो जाएंगे। उन्होंने राज्य सरकार से इस कार्य में तेजी लाने का आग्रह किया।

Akhilesh Mahajan

“Work your craft; until it becomes an art form.”

Leave a Reply