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Health:अल्ट्रासाउंड के बाद अब डिजिटल एक्सरे सेवाएं भी ठप, दवाओं के अभाव से जोखिम में मरीजों की जान

उपमंडल की डेढ लाख आबादी के स्वास्थ्य पर निर्भर अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति के बाद बिना उपचार लौटे मरीज

टीएनसी, संवाददाता


जोगिंद्रनगर(मंडी)। जिला के जोगेंद्रनगर में अरसे से बंद पड़ी अल्ट्रासाउंड सेवाओं के बाद अब डिजिटल एक्सरे सेवाएं भी अचानक ठप हो जाने से मरीजों का मर्ज बढ़ गया है। जीवनरक्षक दवाओं के अभाव से गंभीर मरीजों की जान पर जोखिम पैदा हो गया है। उपमंडल की करीब डेढ लाख आबादी के स्वास्थ्य पर निर्भर अस्पताल में 16 से अधिक विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति के बाद भी मरीज बिना उपचार लौट आए। वीरवार को जोगेंद्रनगर अस्पताल की गायनी व बाल रोग ओपीडी में उपचार के लिए पहुंचे मरीजों को जब अल्ट्रासाउंड और डिजिटल एक्सरे की सुविधाओं का लाभ नहीं मिला तो मरीज बिना उपचार भी लौट आए। घटना व दुर्घटना से घायलों को भी बिना एक्सरे लौटाना पड़ा। निजी क्रस्ना कंपनी की अनिश्चितकालीन हड़ताल से जोगेंद्रनगर अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से चरमर्रा गई। करीब पांच सौ प्रकार के टैस्ट निजी क्रस्ना लैब में होते थे जो नहीं हो पाए। वहीं सरकारी प्रयोगशाला की बात करें तो यहां पर भी 12 बजे तक ही मरीजों को टैस्ट सुविधा का लाभ मिला। जीवनरक्षक दवाओं की बात करें तो वीरवार को अस्पताल में इसकी भी कमी देखी गई। करीब तीन सौ से अधिक ओपीडी वाले स्थानीय अस्पताल में द्रंग हल्के की चौहारघाटी, चौंतड़ा व लडभड़ोल क्षेत्र के मरीज भी उपचार के लिए पहुंचे थे जिन्हें चिकित्सक परामर्श तो मिला लेकिन दवा से लेकर डिजिटल एक्सरे करवाने के लिए दर-दर भटकना पड़ा। इस दौरान कुछ मरीजों ने निजी क्लिनिकों में भी पहुंचकर टैस्ट व एक्सरे करवाए। जोगेंद्रनगर अस्पताल में क्रस्ना लैब की प्रभारी सरिता ठाकुर ने बताया कि प्रबंधन के आदेशों की पालना करते हुए उन्होंने मंगलवार देर रात से टैस्ट सेवाओं को बंद कर दिया है। डिजिटल एक्सरे भी नहीं हो पाए। बताया कि उच्चाधिकारियों के आदेशों के बाद ही वह अपनी सेवाएं शुरू करेगें।

 

  • लडभड़ोल क्षेत्र के उटपूर से उपचार के लिए जोगेंद्रनगर अस्पताल पहुंची सुनीता देवी ने बताया कि उन्हें सीने में दर्द और सांस की दिक्कत थी। अस्पताल में चिकित्सा परामर्श के बाद जब टैस्ट करवाने के लिए कहा गया तो उन्हें सरकारी प्रयोगशाला में अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा। जबकि निजी प्रयोगशाला में टैस्ट सुविधा नहीं मिल पाई।

  • चौहारघाटी से ही एक घटना में घायल महेंद्र कुमार को जब एक्सरे करवाने थे तो उसे सरकारी अस्पताल में इसका लाभ नहीं मिला तो निजी अस्पताल में मनमाने दाम अदा कर एक्सरे करवाने पड़े।

 


जोगेंद्रनगर अस्पताल में रेड़ियोलॉजिस्ट के अभाव के चलते अल्ट्रासाउंड सेवाएं अरसे से ठप्प पड़ी हुई है। कुछ जीवनरक्षक दवाओं का अभाव भी अस्पताल में बना हुआ है। क्रस्ना लैब में मरीजों के टैस्ट न होने की जानकारी स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों को दे दी गई है। अचानक ठप्प हुई डिजिटल एक्सरे सेवाओं को भी जल्द बहाल करने के लिए मुख्य चिकित्साधिकारी से पत्राचार जारी है।

डॉ रोशन लाल कोंडल, वरिष्ठ चिकित्साधिकारी नागरिक अस्पताल जोगेंद्रनगर

Akhilesh Mahajan

“Work your craft; until it becomes an art form.”

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