देव आस्था: बर्फीले रास्ते पार कर देव हुरंग नारायण ने पोते पेखरा गहरी के साथ मनाई लोहड़ी
हाइलाइट्स
- पहाड़ी बजीर देव पशाकोट बर्फबारी के बीच खवाण गांव पहुंचे
- बहन फुंगणी माता के मंदिर में भरी हाजिरी, ग्रामीणों ने लिया आशीर्वाद
- देव हुरंग नारायण आज शाम को पहुंचेंगे मंदिर, भंडार में करेंगे प्रवेश
टीएनसी, संवाददाता
मंडी। मंडी जनपद के देवाधिदेव चौहारघाटी की शान बड़ादेव हुरंग काली नारायण ने मकर सक्रांति का लोहड़ी पर्व अपने पोते (डांगु) देव पेखरा गहरी के साथ मनाया। देव हुरंग नारायण लाव लश्कर सहित रिमझिम बारिश और बर्फ की फुहारों के बीच पेखरा गांव पहुंचे। जहां पर देव पेखरा गहरी के कारदारों द्वारा बड़ा देव हुरंग काली नारायण और साथ आए देवलुओं का भव्य स्वागत किया गया।
बड़ा देव हुरंग नारायण ने अपने गुर के माध्यम से देव खेल में क्षेत्र की सुख शांति, समृद्धि और खुशहाली का आशीर्वाद दिया। इस दौरान पेखरा गांव में लोहड़ी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। दोनों देवता के गुर पुजारी कारदार और सेवकों सहित सैकड़ों की तादाद में श्रद्धालु और ग्रामीण देव उत्सव में शामिल हुए।बड़ादेव हुरंग काली नारायण के गुर शुंकु राम और पुजारी इंद्र सिंह मुगलाना ने कहा कि देव नारायण ने 15 दिनों में बारिश और बर्फबारी का वादा किया था। देवता बारिश और बर्फबारी के बीच ही पेखरा गांव में पहुंचे हैं।इस दौरान स्थानीय ग्रामीणों द्वारा दोनों देवता के साथ आए श्रद्धालुओं की जमकर खातिरदारी की गई।
उधर, देव हुरंग काली नारायण के छोटे भाई पहाड़ी बजीर नाम से विख्यात आराध्य देव पशाकोट अपने लाव लश्कर सहित बर्फ के बीच खवाण गांव पहुंचे। देव पशाकोट ने अपनक बहन माता फुंगणी के मंदिर में हाजिरी भरी। स्थानीय ग्रामीणों ने देवता की विधिवत पूजा अर्चना कर आशीर्वाद लिया। वही देवता के साथ आए देव लोगों और श्रद्धालुओं को लोहड़ी पर्व के उपलक्ष्य में देसी घी और खिचड़ी खिला कर अभिवादन किया।उल्लेखनीय है कि दोनों देवता अपने अपने हारी भ्रमण में हैं।बड़ा देव हुरंग काली नारायण रविवार शाम को हुरंग गांव पहुंच कर अपने भंडार में प्रवेश करेंगे।जबकि देव पशाकोट बरोट, लंबाडग, हराबाग होते हुए अगले पड़ाव में जोगेंद्रनगर और बीड़ क्षेत्र की हार में निकलेंगे।