एयरपोर्ट विस्तारीकरण: कांगड़ा तथा शाहपुर के एसडीएम को जमीन का संयुक्त निरीक्षण करने के निर्देश
हाइलाइट्स
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डीसी निपुण जिंदल बोले, पुनर्वास के लिए मास्टर प्लान हो रहा तैयार
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हिमुडा तैयार करेगी डिटेल मैप, सभी सुविधाएं का रखा जाएगा ध्यान
टीएनसी, संवाददाता
धर्मशाला। उपायुक्त डा निपुण जिंदल ने कहा कि कांगड़ा जिला के गगल एयरपोर्ट के विस्तारीकरण से प्रभावित होने वाले परिवारों के पुनर्वास के लिए कारगर कदम उठाए जाएंगे। इस के लिए एसडीएम कांगड़ा तथा एसडीएम शाहपुर जमीन की ज्वाइंट इंस्पेक्शन करने के निर्देश दिए गए हैं। वह शुक्रवार उपायुक्त कार्यालय परिसर के सभागार में आयोजित बैठक में बोल रहे थे। बैठक में एडीएम रोहित राठौर, उपनिदेशक पर्यटन विनय धीमान, एयरपोर्ट एथॉरिटी के अधिकारी उपस्थित रहे।
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22 सरकारी भवन आ रहे जद में
विभिन्न सरकारी विभागों के 22 के करीब भवन तथा अन्य आधारभूत ढांचे जिसमें सड़कें, पेयजल पाइप लाइन, विद्युत ट्रासफार्मर भी विस्तारीकरण क्षेत्र में आ रहे हैं तथा विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि इन आधारभूत ढांचों को आवश्यकतानुसार नई जगह पर तैयार करने के लिए वैकल्पिक प्लान भी तैयार करें ताकि प्रभावित लोगों को आवश्यक सुविधा उपलब्ध करवाई जा सके।
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हिमुडा को डिटेल मैप तैयार करने तथा के निर्देश
प्रभावित परिवारों के पुनवार्सित करने की जगह पर सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाना भी सुनिश्चित किया जाएगा। विस्तारीकरण की जद में आने वाले स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों, स्वास्थ्य केंद्रों, पशु औषधालयों तथा पंचायत घरों की रिपोर्ट भी तैयार की गई है तथा संबंधित विभागीय अधिकारियों को इस बाबत जानकारी दे दी गई है ताकि आवश्यक कदम उठाए जा सकें। उन्होंने कहा कि प्रभावितों के पुनर्वास के लिए भूमि का निरीक्षण करने के पश्चात सभी सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए हिमुडा को डिटेल मैप तैयार करने तथा के निर्देश दिए गए हैं।
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14 राजस्व गांवों की भूमि होगी अधिग्रहित
गगल एयरपोर्ट के विस्तारीकरण में आठ पंचायतों के 14 राजस्व गांवों की भूमि अधिग्रहित करना प्रस्तावित ह। इसमें राजस्व गांव रच्छियालु, जुगेहड़, भड़ोल, कयोड़िया, बाग, बल्ला, बरसवालकड़, भेड़ी, ढुगियारी खास, गगल खास, झिकली इच्छी, मुगरहाद, सहौड़ा, सनौरा शामिल हैं।
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इनका मूल्यांकण अंतिम स्तर पर
उपायुक्त डा निपुण जिंदल ने कहा कि भूमि अधिग्रहण को लेकर भवनों, फलदार पौधों, पेंड़ों तथा फसलों का मूल्यांकन कार्य अंतिम चरण में है। इसमें आउटसोर्स एजेंसी के साथ-साथ राजस्व, उद्यान, वन तथा कृषि विभाग के कर्मचारी भी शामिल रहे हैं। मूल्यांकन कार्य पूर्ण पारदर्शिता के साथ करवाया जा रहा है। लोगों के सामाजिक हित किसी भी स्तर पर प्रभावित नहीं हों इस के लिए सामाजिक सर्वेक्षण भी करवाया गया है।