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कार्रवाई: घटिया दवाएं बनाने वाले बीबीएन और सिरमौर के दस उद्योगों के उत्‍पादन पर रोक

 

हाइलाइट्स

  • स्टेट ड्रग कंट्रोल अथॉरिटी ने की कार्रवाई

  • दस और फार्मा उद्योगों पर गिरेगी गाज

  • बीबीएन के 8 और सिरमौर के 2 उद्योग शामिल

टीएनसी, संवाददाता


बद्दी/सिरमौर। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन के ड्रग अर्ल्‍ट में हिमाचल में बनी दवाएं सबसे अधिक खराब निकल रही हैं। बीमारी को ठीक करने वाली दवाएं और बीमार करने वाली साबित हो रही हैं। ऐसे में हिमाचल में घटिया क्वालिटी की दवाइयां बनाने वाली कंपनियों पर कार्रवाई शुरू हो गई है। स्टेट ड्रग कंट्रोल अथॉरिटी ने गुणवत्ता के मानकों पर खरा नहीं उतरने वाले 10 उद्योगों में दवा बनाने पर रोक लगा दी है। इनमें बीबीएन के 8 और सिरमौर के 2 उद्योग शामिल हैं। दस और फार्मा उद्योगों पर कार्रवाई की तलवार लटकी हुई है। इस कार्रवाई से दवा निर्माताओं में हड़कंप मच गया है। इनमें ज्यादातर दवा उद्योग मल्टी नेशनल कंपनियों के लिए दवाई बनाने का काम करते थे।

  • तीसरे चरण में 20 कंपनियों का इंस्पेक्शन


     तीसरे चरण में बीबीएन, सोलन, ऊना, सिरमौर व कांगड़ा में करीब 20 दवा निर्माण इकाइयों का इंस्पेक्शन कर लिया गया है। इनमें से 10 दवा उद्योगों पर कार्रवाई की जा चुकी है। सूत्रों के मुताबिक जल्द दूसरी कंपनियों पर भी इस तरह की कार्रवाई हो सकती है, क्योंकि प्रदेश में पिछले एक साल से निरंतर अलग अलग कंपनियों के दवाइयों के सैंपल फेल हो रहे हैं।

  • स्वास्थ्य मंत्री ने दिए थे कार्रवाई के निर्देश


    स्वास्थ्य मंत्री धनी राम शांडिल ने भी दवाइयों के सैंपल फेल होने पर ऐसे लोगों पर सख्ती बरतने के संकेत दिए थे, क्योंकि हिमाचल में निर्मित दवाइयां न केवल देश बल्कि विदेशों में भी सप्लाई की जाती हैं। इससे हिमाचल का नाम बदनाम हो रहा है।

गुणवत्‍ता पर खरा नहीं उतरने वाली दवा कंपनियों पर कार्रवाई की गई है। यह कार्रवाई नालागढ़ में स्थापित टेस्टिंग लैब में परीक्षण के बाद की है। इसमें टेस्टिंग के बाद ही दवाओं को बाजार में उतारा जाता है।
नवनीत मरवाह, स्‍टेट ड्रग्‍स कंट्रोलर

Akhilesh Mahajan

“Work your craft; until it becomes an art form.”

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